इन्टरनेट की दुनिया में, Domain name एक महत्वपूर्ण शब्द है|
Domain name, किसी भी वेबसाइट का आधार और पहचान है| जब भी हम किसी वेबसाइट को बनाने के बारे में, सोचते हैं तो सबसे पहले जो चीज आती है वो है – वेबसाइट का नाम|
What is domain name meaning in hindi?
आज भी बहुत लोग इस Domain name से परिचित नहीं है| उनको नहीं पता है की ये डोमेन नाम क्या होता है?
तो आज हम domain name meaning in hindi आर्टिकल में इसके बारे में, पूरी तरह से जानेगें|
नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है hindiaup के e-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म पर
What is domain name with example?
चलिए डोमेन नेम को उदाहरण की मदद से, आपको समझाने का प्रयास करते हैं|
डोमेन नाम, किसी भी वेबसाइट का नाम होता है जैसे आप अभी www.hindiaup.com के इस आर्टिकल को पढ़ रहें हैं|
hindiaup.com इस website का वेब एड्रेस, वेबसाइट का पता ( IP Address ) है और यही इस वेबसाइट का domain name है|
लेकिन बातें इसी पर समाप्त नहीं होती, इसके के बारे में जानना, आपके लिए बहुत कुछ, अभी भी शेष है| domain name meaning
जिस सिस्टम के तहत, इन्टरनेट पर मौजूद, हर डोमेन काम करते है, उसे डोमेन नेमिंग सिस्टम कहते हैं|
What is domain naming system
Domain name system in hindi
Domain Name system को संक्षिप्त रूप में, DNS भी कहा जाता है| DNS, इन्टरनेट का एक ऐसा फंक्शन है, जो Domain Name को आई पी एड्रेस में परिवर्तित कर देता है|
साल 1983 में ये फीचर इन्टरनेट में शामिल हुआ| DNS का आविष्कार करने वाले, अमरीकी कंप्यूटर वैज्ञानिक Paul Mockapetris और Jon Postel थे| इसी में किसी भी वेबसाइट का IP एड्रेस, सेव रहता है|
DNS के इस्तेमाल की क्या जरुरत थी ?
एक साधारण इंसानी दिमाग, किसी भी नाम को आसानी से याद कर लेता है जबकि IP एड्रेस (172.67.175.222), कई नम्बर्स का ग्रुप होता है जिसे याद रखना बेहद ही मुश्किल है| जबकि इन्टरनेट कंप्यूटर, इसी IP address (172.67.175.222) पर काम करता है| इसी एड्रेस से, इन्टरनेट पर किसी सर्वर से कनेक्शन, स्थापित होता है|
DNS का काम, Domain Name को IP address में ट्रांसलेट करना है | हम अपने ब्राउज़र में, किसी भी वेबसाइट का नाम टाइप करते है| जैसे की www.hindiaup.com न की वेबसाइट का आईपी एड्रेस|
जब कोई यूजर अपने ब्राउज़र में, आपकी वेबसाइट का नाम टाइप करता है तो DNS उसे IP address में कन्वर्ट करके, Domain Name Server के पास पहुँचता है| अब Domain Name Server का ये काम है की, इस वेबसाइट से जुड़ी सारी जानकारी, वेब पेजेज, यूजर के सामने, ब्राउज़र पर उपलब्ध कराना, डिस्प्ले कराना|
ये Domain Name Server क्या होते हैं ?
ये नाम सर्वर वहीँ होते हैं जिस कम्पनी से, आप डोमेन खरीदते हैं| डोमेन की सारी इनफार्मेशन, इन सर्वर्स के पास होती है| इन्ही को डोमेन प्रोवाइडर या डोमेन रजिस्ट्रार के नाम से भी जाना जाता है| यदि आपको भी अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम लेना है तो आप नीचे लिंक पर क्लिक करके, अपना डोमेन रजिस्टर कर सकते हैं |
1- शुरुवात में जो https लगा हुआ है, ये क्या होता है?
आपको बताते चले की इन्टरनेट पर उपलब्ध, हर वेबसाइट के लिए प्रोटोकॉल होता है| प्रोटोकॉल नियमो का एक ग्रुप होता, जिसे हर वेबसाइट को मानना जरूरी हैं| हर वेब पेजेज पर, ये प्रोटोकॉल लागू होते हैं| ये प्रोटोकॉल दो तरह के होते है-
a- HTTP – hypertext transfer protocol
b- Https– hyper text transfer protocol secure
आजकल होता क्या है हैकर बड़े बढ़ गए हैं, वो वेबसाइट की जानकारी चुरा लेते हैं तो यहाँ पर जो प्रोटोकॉल हैं https, ये यूजर को सुरक्षा प्रदान करता है| यूजर की जानकारी, सुरक्षित रखने में सहायता प्रदान करता है|
अगर आपको किसी वेबसाइट के आगे, https लगा दिखाई दे तो इसका मतलब वो वेबसाइट सिक्योर है इस्तेमाल के लिए| अब तो हर वेबसाइट को https, को लेना जरूरी है, ये मिलता है SSL सर्टिफिकेट से|
2- www
डोमेन नाम में https के बाद आता है – www
अब ये www क्या है ?
www का फुल फॉर्म है – world wide web, ये किसी भी url का सब डोमेन होता है |
ये जानकारी इकट्ठी रखने का, एक सेंट्रल हब है| इस प्राइमरी इन्टरनेट टूल के माध्यम से, इन्टरनेट, URL ( Uniform Resource Locator) के जरिये, किसी भी वेबसाईट के Html ( hyper text markup lankuage) डॉक्यूमेंट को पहचान पाता है| html डॉक्यूमेंट में ऑडियो फाइल, इमेज विडियो टेक्स्ट सभी हो सकते हैं|
3- www के बाद आता है hindiaup.com, ये है डोमेन नाम
इसके भी दो भाग है – पहला hindiaup – जोकि वेबसाइट का नाम है|
दूसरा .Com है, जोकि Domain Extension हैं|
अब ये दोनों मिलकर एक यूनिक नाम बनाते हैं – hindiaup.com जोकि एक domain name हुआ |
अगर आपने किसी नाम से अपना डोमेन रजिस्टर करा लिया तो अब पूरी दुनिया में अब उस नाम से, कोई दूसरा व्यक्ति डोमेन रजिस्टर नहीं करा सकता| एक Domain nameके कई एक्सटेंशन हो सकते है जैसे .com, .org, .in डोमेन एक्सटेंशन कुछ भी हो सकता है|
इसके अलावा कंट्री कोड टॉप लेवल डोमेन भी होते हैं| हर देश के डोमेन को मुख्य रूप से व्यक्त करने के लिए, देश के पहले दो अक्षर को, एक्सटेंशन के रूप में बनाया गया है| जैसे इंडिया के लिए .in एक्सटेंशन का इस्तेमाल होता है|
डोमेन खरीदने के पहले, कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना होगा –
वेबसाइट के डोमेन का नाम ऐसा हो, जो आसानी से, हर व्यक्ति को याद हो जाये|
कोशिश करिए की आपका डोमेन नाम छोटा हो| एक शब्द, दो शब्द या तीन शब्द, इससे बड़ा होने पर यूजर को याद रखने में दिक्कत होती है|
डोमेन नाम यूनिक होना चाहिए ताकि लोगों का आकर्षण, अपनी तरफ खिंच सके|
How do I find my domain name?
More info on domain name
आपकी जानकारी में बृद्धि करते हुए बता दें की शुरुवाती दौर में, किसी भी वेबसाइट का डोमेन नाम न होकर, सिर्फ ip एड्रेस हुआ करते थे| Ip address का मतलब है – Internet protocol
किसी भी वेबसाइट, कंप्यूटर या जो कुछ भी इन्टरनेट से जुड़ा होगा, हर किसी का एक ip address होता है| Ip एड्रेस, एक तरह का पता है, इन्टरनेट के लिए| ये बिलकुल उसी तरह होता है, जैसे आपके शहर का पिन कोड, आपका पता|
डाक सेवा, पिन कोड पर आधारित होती है| उसी तरह इंटरनेट सेवा, आईपी एड्रेस पर काम करती है|
अब आप खुद समझिये, आप कई शहरों के नाम आसानी से याद कर पाएंगे या उन शहरों के पिनकोड नंबर !
जी हाँ, आपको उन शहरों का नाम, आसानी से याद हो जायेगा|
और इसी वजह से अविष्कार हुआ Domain Name का| Domain Name को इन्सान, आसानी से याद रख सकेगा और सीधे अपने ब्राउज़र में टाइप करके, किसी भी वेबसाइट पर सीधे पहुँच सकेगा|
लेकिन ip एड्रेस ख़त्म नहीं हुआ, अभी भी हर वेबसाइट का ip एड्रेस होता है जोकि नम्बर्स 172.67.175.222 में होता है| प्रत्येक उस डिवाइस का, जो इन्टरनेट से कनेक्टेड है, ip address होता है|