Washington Sundar Motivational Success Story in Hindi
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हम बात कर रहें हैं श्रीलंका के खिलाफ, टीम इंडिया में, वनडे सीरीज से, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में, स्थान पाने वाले खिलाड़ी के बारे में, सिर्फ एक कान से ही सुन पाता है, भारतीय क्रिकेट टीम का, यह प्लेयर, जी हाँ आपने बिलकुल सही पढ़ा|
छोटी छोटी आँखों में बड़े बड़े अरमान और सपने संजोये हुए, देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना, हर युवा क्रिकेट खिलाड़ी का, सबसे बड़ा सपना होता है|
और Washington Sundar का भी ठीक, यही सपना था जोकि साकार हुआ था 25 दिसंबर 2017 को, जब वाशिंगटन सुन्दर, महज 18 साल के ही थे|
Washington Sundar Ipl के खेलो में तो अपनी पहचान दिखा ही चुके हैं लेकिन अब ये खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अपना परचम लहरा रहा है|
साल 2017 के IPL में, Washington Sundar को आईपीएल-2017 में Rising Pune Super Giant की तरफ से खेलने का मौका मिला था| बायें हाथ से बल्लेबाजी और दाहिने हाथ से गेंदबाजी करने वाले, वाशिंगटन सुन्दर जब महज चार साल के थे तो परिवार को, उनकी एक बड़ी परेशानी के बारे में, पता चला और वो परेशानी थी, की सुन्दर का सिर्फ, एक कान से ही सुन पाना|
एक आल राउंडर की भूमिका निभाने वाले, Washington Sundar के परिवार को, उनके बचपन में पता चल गया था, की सुन्दर एक कान से नहीं सुन सकते|
इनकी माँ, इनको लेकर, कई डाक्टरों के पास गईं, कई अस्पतालों में इलाज हुआ इनका, लेकिन बाद में मालूम हुआ की, ये रोग असाध्य है और इसे ठीक नहीं, किया जा सकता है|
Washington Sundar को भी इसके चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था लेकिन उन्होंने कभी भी, अपनी इस कमजोरी को, अपनी परिस्थितियों पर, हावी नहीं होने दिया|
वाशिंगटन सुन्दर ने क्रिकेट पर, अपना ध्यान बढ़ाना और खेलना शुरू कर किया और सन 2016 में, तमिलनाडु राज्य की रणजी क्रिकेट टीम में, जगह बना लिया| यहाँ से सुन्दर को एक बेहतरीन प्लेटफार्म मिल चुका था|
और सुन्दर बताते हैं की फील्डिंग के दौरान, साथी खिलाड़ियों को उनसे कोआर्डिनेट करने में दिक्कत होती है लेकिन फिर भी मेरे साथियों ने कभी इसके चलते, मुझे शिकायत नहीं की है और वो मुझे, मेरी कमजोरी को लेकर, कभी कुछ नहीं कहते|
आपको बताते चलें की, सबसे अच्छी और खास बात तो ये रही, की Washington Sundar ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू, मात्र 18 साल और 69 दिनों की उम्र में, कर लिया था|
इसके साथ वाशिंगटन सुन्दर, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए, सबसे कम उम्र में, एकदिवसीय क्रिकेटमैच से डेब्यू करने वाले, भारत के सातवें खिलाड़ी बन चुके हैं|
वाशिंगटन सुन्दर को उनकी वन डे कैप, कोच रवि शास्त्री द्वारा मिली थी|
आज यानि 17 जनवरी साल 2020 को, ब्रिसबेन टेस्ट मैच के तीसरे दिन, वाशिंगटन सुन्दर और शार्दुल ठाकुर ने जिस तरह की पारियाँ खेली और टीम इंडिया का सम्मान बचाया है|
ये कहना गलत नहीं होगा की आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन, टीम इंडिया मुश्किलों में फंस गई है क्या वो 369 रन तक पहुँच पायेगी?
पहले चेतेश्वर पुजारा आउट हुए उसके बाद अजिंक्य रहाने आउट हुए उसके बाद एक के बाद बल्लेबाज आउट होते गए लेकिन शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुन्दर तो कुछ और ही सोचकर आये थे|
और इन दोनों ने इस तरह से पैर जमाया क्रीज़ पर तो आस्ट्रेलिया के जो गेंदबाज थे, वो एक बाद एक, इनका इम्तिहान लेते गए और ये हर इम्तिहान को पास करते गए|
इन दोनों खिलाड़ियों ने जो पार्टनरशिप की, उसकी वजह से ही टीम इंडिया पहुँच सकी 336 रनों तक और वाशिंगटन ने 62 रन बनाये|
Washington Sundar Motivational Success Story in Hindi आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत आभार