जिम क्विक (Jim Kwik) एक विश्व प्रसिद्ध इंसानी दिमाग को प्रशिक्षित करने वाले कोच हैं| ये एक अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, उद्यमी और मेमोरी एक्सपर्ट भी हैं| Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi.
इन्होने क्विक लर्निंग (Kwik Learning) नाम की कंपनी भी स्थापित की है| जिसके तहत ये लोगों के अन्दर तेज़ी से पढ़ने की कला विकसित कर रहें हैं| इंसानों की याददाश्त क्षमता को बढ़ाने की तकनीक सिखा रहें हैं |
वर्तमान में जिम अपनी इस कम्पनी के सीईओ के पद भार को संभाल रहें हैं|
Jim Kwik की जिन्दगी आज जैसे चमक रही है, पहले ठीक इसके विपरीत था सब कुछ| इनकी जिंदगी के बारे में जानकर आप सुनिश्चित हो जाओगे की आप भी अपनी लाइफ में जिस चीज की चाहत रखते हो, जैसी जिन्दगी जीना चाहते हो, उसे प्राप्त कर सकते हो|
जिम क्विक Jim Kwik की जिन्दगी की कहानी जो आप पढ़ने जा रहे हो वो आपको हिम्मत देने वाली है| और आपकी पूरी जिंदगी बदलकर रख देगी| इस समय आपकी लाइफ किसी भी हाल में हो, आप क्या कर सकते हो? कौन कौन सी उपलब्धियाँ आपका इंतज़ार कर रहीं हैं, ये भी जान सकोगे|
आप अपनी लाइफ की घटनाओं को इस कहानी Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi से जरूर जोड़ पाओगे| इसके लिए बस एक बार आपको पूरे आर्टिकल को जरूर पढ़ना होगा|
Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi
जिम क्विक का जन्म 29 जुलाई साल 1973 को न्यूयार्क में हुआ था| जिम क्विक Jim Kwik बचपन में जब स्कूल में पढ़ाई किया करते थे तो अन्य स्कूली बच्चे इन्हें टूटे दिमाग वाला बच्चा कहकर पुकारा करते थे| सारे बच्चे इन्हें बेवकूफ मतलब किसी भी काम का नहीं समझते थे|
5 साल की उम्र में जिम स्कूल में, क्लास की डेस्क से नीचे गिर पड़े थे| और इसी दुर्घटना के चलते इनके दिमाग में अत्यंत गहरी चोट लग गई थी| और इसी वजह से इनका दिमाग ठीक ढंग से काम करना बंद कर दिया था| इसी हादसे ने इनकी जिन्दगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया|
पढ़ाई या किसी चीज को सीखने के बारे इनकी हालत बेहद ख़राब हो गई| अब ये किसी भी चीज को समझ सकने में असमर्थ हो चुके थे| इनको सबसे ज्यादा कठिनाई स्कूल में होती थी क्योंकि स्कूल में टीचर जो कुछ भी पढ़ाते Jim Kwik को कुछ भी समझ में नहीं आता था|
इन सब चीजों के कारण जिम अब तक शर्मीले और अंतर्मुखी बन चुके थे| किसी दूसरे से बात करना इनके वश की बात नहीं थी| ऐसे स्वाभाव के कारण दूसरे बच्चे इनको बिना दिमाग वाला बच्चा समझने लगे थे| सबसे मुख्य बात चोट लगने के कारण जिम क्विक Jim Kwik कुछ भी लिखा हुआ पढ़ नहीं पाते थे|
जब किसी वाक्य को पढ़ना होता था तो इन्हें बस अलग अलग अक्षर दिखाई पड़ते थे जिसका कोई अर्थ ही नहीं होता था| क्लास में टीचर जब बच्चों को बारी बारी से से पढ़ने के लिए कहते थे, तो इनका नंबर आते ही इनकी दिल की धड़कने बढ़ जाती थी| और किताबों को न पढ़ सकने के कारण रोने लगते थे| इन सबके के चलते सभी बच्चे इन्हें क्लास का सबसे बेवकूफ बच्चा कहकर बुलाते थे|
जिम क्विक की शुरुवाती नकारात्मक सोच
दूसरे बच्चे जब ऐसा कहते थे की वो देखो बेवकूफ वहाँ बैठा है| ये बात उनको दिल पर जाकर लगती थी| उनके मन में ऐसी भावनाएं पैदा होती थी की मैं किसी काम का नहीं हूँ| मैं कोई काम नहीं कर सकता हूँ मैं बाकी बच्चों जैसा क्यूँ नहीं हूँ? मेरी लाइफ में क्यूँ कुछ बेहतर नहीं है ?
और इसी वजह से उन्होंने आगे के तीन साल बस इस काम में लगा दिए की लिखी गई चीजों को कैसे पढ़ा जाए| ये रात को कॉमिक किताबे पढ़ना शुरू कर दिए| इनकी पसंदीदा कॉमिक बुक X-MEN हुआ करती थी| इसलिए नहीं की उनमे शक्तिशाली हीरो थे बल्कि X-MEN साधारण लोगों से अलग मुतान्ट्स थे और उन्हें इसी तरीके से चिढ़ाया जाता था जैसे जिम को दूसरे बच्चे चिढ़ाया करते थे| इन्हें कहा जाता था – तुम्हारी कोई वैल्यू नहीं है| और इन्ही चीजों से ये अपनी जिंदगी को जोड़ पाते थे |
इसी X-MEN कॉमिक की मदद से इन्होने पढ़ना सीखा| यहाँ ध्यान देने वाली बात है एक ऐसा लड़का जिसके दिमाग में चोट लगने के कारण उसकी सीखने और समझने की योग्यता खो गई थी| वही लड़का केवल अपने पैशन यानि कॉमिक्स पढ़ने से फिर से पढ़ना सीख गया|
ये इस बात को प्रकट करता है की पैशन और लगन की सहायता से आप असंभव को भी संभव कर सकते हो|
एक दिन स्कूल की पेरेंट्स टीचर मीटिंग में ये घोषणा हुई की सभी बच्चों की परफोर्मेंस रिपोर्ट बनेगी| अगले सप्ताह सभी बच्चों का एक टेस्ट होगा उनके पढ़ने और लिखने की स्किल्स का टेस्ट करने के लिए और बाद में सभी को रिपोर्ट कार्ड मिलेगा| मतलब हर बच्चे को पूरी क्लास के सामने खड़ा होकर अपनी क्षमता दिखानी होगी|
Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi
Jim Kwik का स्कूल के टेस्ट में हिस्सा लेना
अभी हाल ही में Jim Kwik ने पढ़ना ही सीखा था और उनकी दिमाग की चोट की वजह उनको इस टेस्ट में भाग लेना जरूरी नहीं था| फिर भी उन्होंने इस पढ़ने और लिखने के टेस्ट में हिस्सा बनने का मन बना लिया था| उनके माता पिता ने उनसे कहा की बेटा आप उस टेस्ट में हिस्सा मत लो|
अपने माता पिता का जवाब जिम ने एक लाइन में दिया- मम्मी और पापा मैं ये आपको गर्व महसूस करने के लिए कर रहा हूँ| और मैं इस टेस्ट में जरूर पास होऊंगा| सबके सामने ये साबित करके रहूँगा की मेरे अन्दर भी टैलेंट है|
इस टेस्ट के जिम को जो टॉपिक दिया गया वो था – Leonardo Da Vinci. इसके बाद ये पूरे समय अपने टॉपिक पर रिसर्च में लग गए| पूरी पूरी रात ये पढ़ते थे और इन्हें पूरा विश्वास था की रीडिंग चैलेंज को ये जरूर फतह करेंगे|
यही वो समय होगा जब सबके सामने उनको दिखाना होगा की मैं भी कुछ कम नहीं हूँ| इनके लिए उस टेस्ट में पास होना ही नहीं था बल्कि उससे कहीं ज्यादा था| इस टेस्ट में उनकी अच्छी परफोर्मेंस ही उनके आत्म विश्वास को बढ़ा सकती थी|
आखिरकार वो टेस्ट का दिन आ पहुँचा| ये टीचर और सभी बच्चों के सामने जाकर खड़े हुए| और फिर एक टीचर ने बोला- जिम चलो क्लास के सामने अपनी प्रेजेंटेशन देना शुरू करो| इस लाइन को सुनते ही Zim Kwik के पैरों के नीचे से जैसे जमीं ही खिसक गई|
जिम क्विक को टेस्ट में 0 नंबर मिले
जैसे ही जिम ने बोलना शुरू किया इन्हें बीती बातें याद आने लगी की कैसे सभी बच्चे इनका मज़ाक बनाया करते थे| उस समय उनका कॉन्फिडेंस कम हो चुका था और दिल की धड़कने भी काफी बढ़ चुकी थीं| अपने शर्मीले स्वाभाव के कारण उस टेस्ट में Jim Kwik एक शब्द भी अपने मुंह से नहीं निकाल पाए| और इनके रिपोर्ट कार्ड में इनको जीरो नंबर मिले|
इनका सपना जिस टेस्ट में सौ में सौ नंबर पाने का था, उस टेस्ट में जब इनको 0 हासिल हुए| तो जिम पूरी तरह टूट चुके थे| स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपनी रिपोर्ट को उन्होंने कूड़ादान में फेंक दिया| इसी के साथ अपने सपने, उम्मीद और स्वाभिमान को भी उसी कूड़ेदान में डाल दिया|
अब उनको ऐसे लगने लगा था इस संसार में उनके होने या न होने से किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता| Jim Kwik हमेशा ऐसी बातें अपने आप से करते रहते थे की मैं इतना अभागा क्यूँ हूँ? मैं इतना बदकिस्मत क्यूँ हूँ? अपने दिमाग में ये बात हमेशा बोलते रहते थे की मैं इस संसार का सबसे बदकिस्मत लड़का हूँ|
जिम क्विक जब 18 साल के हुए तब ये अपना घर छोड़कर भाग जाने का मन बनाया| ये इस बात से बिलकुल बेखबर थे की ये अपने माता पिता को छोड़कर कैसे जायेंगे और कैसे बाहर जाकर अपने आपको संभालेंगे? अपनी बदकिस्मती के चलते कई बार ये घर से भागने की सोचते थे|हालांकि उनसे भी नहीं हो सका|
Zim Kwik अपने दोस्त के साथ कैलिफ़ोर्निया गए
एक बार उनका एक दोस्त उनसे बोला की मित्र, तुम्हारी जिंदगी में अभी बहुत दिक्कतें है ! क्यूँ न तुम मेरे साथ मेरी दादी के घर चलो| मैं अपनी दादी से मिलने कैलिफ़ोर्निया जा रहा हूँ| वहाँ चलने से तुम्हारा मन हल्का हो जायेगा और जिन्दगी में आगे क्या करना है शायद ये भी तुम तय कर सको|
छुटियाँ बिताने के लिए Jim Kwik अपने दोस्त के साथ कैलिफ़ोर्निया जाने को तैयार हो गए| वहाँ पहुँचकर एक दिन वो अपने दोस्त के घर के बगीचे में बैठे हुए थे| उसी समय जिम के दोस्त के पापा जिम के पास आते हैं और एक सवाल करते हैं- सवाल को सुनकर जैसे Jim Kwik की दुनिया ही समाप्त हो चुकी हो|
सवाल था की – बेटा स्कूल कैसा चल रहा है? सवाल को सुनते ही जिम रोने लगे और अंत में उन्होंने अपनी पूरी कहानी उन अंकल को बताया की कैसे बचपन में चोट लगने के कारण उन्हें पढ़ाई में कुछ समझ नहीं आता था| और उन्हें चीजों को समझने में बहुत कठिनाई होती थी| अब तो उनकी न कोई पहचान है न ही जिंदगी का कोई मकसद|
सारी बातें सुनने के बाद उनके दोस्त के पापा ने कहा- जिम तुम ये बताओ तुम अभी तक स्कूल में क्या कर रहे हो? तुम क्या बनना चाहते हो ? क्या करना चाहते हो? क्या हासिल करना चाहते हो ?
इन सारे प्रश्नों को सुनने के बाद Jim Kwik के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था| क्योंकि ऐसे प्रश्नों के बारे में उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था| वो तो अपनी जिंदगी के दलदल में फंसकर रह गए थे|
Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi
Jim Kwik को उनके अंकल की सलाह
उनके अंकल ने उनकी चुप्पी देखकर अपनी जेब से एक पेपर निकालते हैं और उनसे कहते हैं की तुम्हारा जो भी जवाब हो सब इस पेपर पर लिख दो| तुम्हारे और तुम्हारी सफलता के बीच बस इतना ही अंतर है|
ऐसा सुनकर जिम चौंक जाते हैं और कहते हैं की सफलता और मैं ! सफलता मुझे सात जन्मो में भी नहीं मिल सकती|
उनके अंकल कहते हैं सफलता का राज है – तुम्हारा दिमाग| दिमाग ही वो पुल है जिस पर चलकर ही तुम सफलता हासिल कर सकते हो|
अपने दिमाग को ट्रेनिंग करो, उसे शक्तिशाली बनाओ तुम सफलता को जरूर हासिल कर सकोगे|
जब Jim Kwik अपने घर वापस लौटते हैं| तब वो दो किताबों के सेट को देखते हैं| एक वो जो स्कूल की किताबें हुआ करती थीं और दूसरी वो जो वो पढ़ना चाहते थे| जिम ने दूसरे सेट को चुन लिया और कहा की इस बार मैं रीडिंग एक्सपर्ट बनकर रहूँगा और अपने माता पिता के सर को गर्व से ऊंचा कर दूंगा|
इसी के बाद वो पढ़ने में लग गए और महीनो तक पढ़ते रहे| इस तरह अपने दिमाग को ट्रेन किया| कुछ ही महीनो के भीतर वो अच्छी रफ़्तार से पढ़ने लगे|
एक दिन पुस्तकालय से किताबें पढ़कर वो घर लौट रहे थे और तभी अचानक सीढ़ियों पर उनका पैर फिसल गया और वो गिर पड़े| इस बार फिर से उनके दिमाग के दूसरे हिस्से में एक और चोट लग गई| हॉस्पिटल के बेड पर जब उनको होश आया तो उनकी हालत और भी खराब हो चुकी थी| चीजों को समझने की शक्ति उनकी अब और ख़राब हो चुकी थी|
दिमाग में फिर से चोट लगना उनकी जिंदगी का सबसे खराब समय था| Jim Kwik जब भी कुछ करना चाहते थे तब ही कुछ न कुछ और बिगड़ जाता था|
अस्पताल के बेड पर ही उनके मन में ख्याल आया की क्या हो रहा है ये मेरे साथ बार बार? इतनी घटिया जिन्दगी तो मेरे दुश्मन को भी न मिले|
अस्पताल में एडमिट रहते हुए उन्होंने ये फैसला कर लिया की अब बस! मेरी दिक्कतों का कोई न कोई समाधान जरूर होगा| हर समस्या का कोई न कोई समाधान जरूर होता है| इसलिए उन्होंने खुद से सवाल किया की मेरी प्रॉब्लम क्या है ?
उनको उत्तर मिला की मेरी समस्या ये है की मैं पढ़ाई में कुछ समझ नहीं पाता हूँ| मैं पढ़ नहीं पाता हूँ, मेरी याददाश्त कमजोर है, मेरा दिमाग बहुत धीमे काम करता है|
फिर उनके मन में विचार आया की शायद कोई ऐसा तरीका हो जिससे मैं ये सीख जाउँ की चीजों को कैसे सीखते हैं ? पढ़ने के बजाय ये सीखूं की पढ़ते कैसे हैं?
जिम क्विक का अपने दिमाग को समझने का निर्णय
जिम क्विक ने अब ये ठान लिया था की पहले वो अब अपने दिमाग को समझेंगे की मनुष्य का दिमाग कैसे काम करता है? इंसानी याददाश्त किस तरह काम करती है? दिमाग से कुछ भी करने से पहले अपने दिमाग को समझेंगे|
अपने दिमाग का एक्सपर्ट बनेगे| ये जो समय था ये उनकी जिन्दगी को बदल देने वाला समय था|
जिम क्विक माइंड एक्सपर्ट
Jim Kwik सालों तक दिमाग को समझने के बाद दिमाग के ही एक्सपर्ट बन गए| इसके बाद ये सिर्फ रीडिंग एक्सपर्ट ही नहीं ये पॉजिटिव और खुश रहना भी सीख गए| आज ये दुनिया के सबसे बड़े लाइफ कोच में से एक बन गए|
जब ये पॉजिटिव सोचना शुरू किये तो मानिये इनकी लाइफ पूरी तरह से बदल गई| बाद में उनके मन में ये बातें आई की इतने सालों से मैं तो फ़ालतू में अँधेरे में था| जब मैं ये सीख सकता था की कैसे पढ़ा जाए और ये माइंड किस तरीके से काम करता है तो मैं नकारात्मक क्यूँ सोचकर अपना इतना समय बर्बाद कर दिया|
दिमाग को इतना ज्यादा पढ़ लिया की Jim Kwik बाद में माइंड और मेमोरी के ही ट्रेनर बन गए| आज बड़ी बड़ी कंपनियों के मालिक बन चुके हैं|
रिचर्ड ब्रैनसन और एलोन मस्क जैसे लोगों को इन्होने ही ट्रेनिंग दी है और इनके आज भी सलाहकार हैं| इन लोगों को जिम ने ये सिखाया है की अपने दिमाग का सर्वोत्तम उपयोग कैसे किया जाए ?
अपने दिमाग को तेज़ कैसे किया जाए? चीजों को जल्दी से कैसे सीखा जाए?
अब आप ये जान चुके हैं की लाइफ कैसे पलटा मारती है?
आपका ब्रेन सुपर कंप्यूटर है
एक बच्चा जो स्कूल में किताबों को न पढ़ पाने और न ही समझ पाने की वजह से अपने घर ही भाग जाने की सोच रहा था| आज वही लोगों को सिखा रहा है की चीजों को जल्दी से कैसे सिखा जाता है ?
ये है आपके दिमाग की ताकत| आप सच में कुछ करने का माद्दा रखते हैं| आपके लिए कुछ भी करना संभव है|
दिमाग के बारे में जिम ने ये सीखा की आपका दिमाग एक सुपर Computer है| आपके विचार आप जैसा सोचते हैं वही उसका सॉफ्टवेयर है| नकारात्मक सोच बिलकुल एक वायरस के जैसे होती है जोकि आपके ब्रेन को सही ढंग से काम करने से रोक देती है|
लोग कहते हैं की यार मैं उतना स्मार्ट नहीं हूँ| ये सोच ही एक वायरस है जो लोगों के computer यानि ब्रेन को ठीक ढंग से काम नहीं करने देता है|
अगर आप मान लेते हैं की आप बुद्धिमान हैं तो आप बुद्धिमान है| यदि आप मान लेते हैं की आप कमजोर हैं तो आप सच में कमजोर हो जाते हैं| अपने ब्रेन को सही ढंग से प्रोग्राम करिए, फ़ालतू की चीजें उसमे बिलकुल नहीं जाने दीजिये|
अपनी सोच को हमेशा पॉजिटिव रखिये और अपने दिमाग पर काम करिए| दिमाग को तेज़ करने के लिए जो जो जरूरी है वही करिए क्योंकि आप हर काम अपने दिमाग से ही करते हैं| नकारात्मक विचार वाले वायरस से तो दूरी ही बना के रखिये|
Jim Kwik का कहना है
जिम क्विक (Jim Kwik) जो सबसे महत्वपूर्ण बात बताते हैं वो है – खुद से आप क्या बोलते हैं? नेगेटिव थिंकिंग आपको भीतर से खोखला बना देती है|
जिम भी कभी इसी नेगेटिव थिंकिंग के दलदल में फंसे हुए थे|
जब दूसरी बार चोट लगने पर उन्होंने अस्पताल में ही ये निश्चय कर लिया था की अब मैं अपने दिमाग को समझे बिना चैन की सांस नहीं लूँगा| इसी निर्णय के बाद ही इनकी लाइफ बदली|
याद करिए जरा वो टेस्ट वाला दिन, जब Jim Kwik को सभी के सामने अपनी प्रेजेंटेशन देनी थी| उस दिन वो क्यूँ कामयाब नहीं हो सके थे? उस समय तो वो पढ़ना भी सीख गए थे पर उनके भीतर जो विचार आ रहे थे की कैसे बच्चे उनका मज़ाक बनाते हैं? उसी नकारात्मक विचारों की वजह से ही ये उस दिन एक शब्द तक नहीं बोल पाए थे|
इसका अर्थ है इनकी अयोग्यता इनके दिमाग से ज्यादा इनकी सोच में थी| ब्रेन डिसेबिलिटी को तो आप प्रैक्टिस और ट्रेनिंग से सही कर सकते हो पर अपनी सोच की डिसेबिलिटी को सही करना आसान काम नहीं है|
एक ही इंसान इसे सही कर सकता है और वो हैं आप!
जिम क्विक की जिंदगी की कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है की हमारी अभी की स्थिति कैसी भी हो आप वैसी जिन्दगी हासिल कर सकते हैं अगर आप पाजिटिविटी को अपनी जिंदगी में लायें|
हम आपकी लाइफ को सकारात्मकता की ओर मोड़ना चाहते हैं| इस कहानी Jim Kwik Motivational Life Story in Hindi से आपको अगर प्रेरणा मिली तो नीचे मात्र ये कमेंट करियेगा की आज से मैं पॉजिटिव सोचूंगा| कहानी को शेयर जरूर करियेगा|