Colonel Sanders Life Success Story in Hindi

Colonel Sanders Life Success Story in Hindi

एक जंगल के पास छोटा सा क़स्बा था Henryville. ये कहानी इस गाँव में रहने वाले एक असाधारण लड़के की है| उसके 6 साल का होते ही ही, उसके पिता का स्वर्गवास हो गया| तब परिवार चलाने के लिए उसकी माँ को शहर से दूर फैक्ट्री में काम करना पड़ा|

माँ का समय फैक्ट्री में काम करने और आने जाने में ही बीत जाता था| इस छः साल के लड़के को भाई बहन में सबसे बड़ा होने के कारण, उनके लिए खाना बनाना पड़ता था| और देखभाल करनी पड़ती थी|

जीवन में जिम्मेदारी से बहुत जल्दी सामना हो गया था| घर में पैसों की तंगी के वजह से ही उसने दस साल की उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया| छठी क्लास में स्कूल छोड़कर उसने तांगे की पेंटिंग का काम करना शुरू कर दिया|

16 साल का होते ही फर्जी कागजात तैयार करवाकर, सेना में शामिल हो गया| एक साल बाद सेना से छुट्टी पाकर, ट्रेन में कंडक्टर का काम करने लगा| इसके साथ इस मेहनती लड़के ने कानून की पढ़ाई की भी शुरुवात कर दिया| वकालत शुरू ही किया था की एक लड़ाई के चक्कर में उसे अपनी पढ़ाई और शहर दोनों छोड़ देना पड़ा |

अब उसके पास न तो कोई डिग्री थी न ही कोई काम था| पैसे की तंगी के कारण वो अपने माँ के पास रहने चला गया| और वहाँ उसे लाइफ इन्सुरेंस में जॉब मिल गई | लेकिन कुछ समय बाद बॉस से लड़ाई होने के कारण वो नौकरी भी छूट गई |

फिर कुछ सालों बाद इसने ferry Boat Company की स्थापना की| और इस बार इस जवान लड़के का कम चल पड़ा| और अच्छी आमदनी भी होने लगी| फिर एक दिन इस लड़के के दिमाग में ये एक आईडिया आया, केमिकल बल्ब बनाकर बेचने का| और इसने अपना ferry boat का बिज़नेस बेचकर एक छोटी सी फैक्ट्री की शुरुवात करी |

लेकिन फेल हो गया क्योंकि दूसरा व्यक्ति उससे अच्छे औए सस्ते बल्ब बना रहा था|

35 साल का सफ़र छोटी मोटी नौकरी से आर्मी से मजदूर से वकील से boat company का मालिक| फिर बल्ब फैक्ट्री लेकिन अंत में जेब खाली और रहने को कोई ठिकाना नहीं |

लेकिन ये व्यक्ति अजीब था ये थककर बैठा नहीं| एक टायर कम्पनी में सेल्समेन बन गया लेकिन कम्पनी बंद हो गई | ये 40 साल की उम्र में Shell के जी एम से मिला जो इस इंसान के काम करने की भूख से प्रभावित होकर इसे एक पेट्रोल पंप चलाने के लिए बोला लेकिन निराशा के कारण उनसे पेट्रोल पम्प न चल सका और उसे भी बंद करना पड़ा|

फिर उसी साल Shell Oil Company ने दोबारा पेट्रोल पम्प दिया वो भी बिना किराया लिए | बदले में इसे कम्पनी को पेट्रोल की सेल का कुछ प्रतिशत देना था | इसने दोबारा पेट्रोल स्टेशन चलाना शुरू किया लेकिन साथ में यात्रियों के लिए नाश्ता भी रखने लगे |

इसमें से उनके डिश प्रसिद्ध हो गई और शहर के आस पास के लोग उन्हें जानने भी लगे| कुछ साल तक ये सब चलता रहा और फिर उन्होंने पेट्रोल पम्प छोड़कर अपना रेस्तरां खोला| अभी रेस्तरां खोला ही था की एक दिन अचानक होर्डिंग के प्रचार को लेकर दूसरे होटल मालिक से विवाद हुआ| जिसमे गोलियाँ तक चल गई और इनके साथी की मौत हो गई |

इसके चार बाद इन्होने रेस्तरां के साथ एक मोटेल भी खोला| ये सोचकर की धंधा अच्छा चलेगा लेकिन मोटेल में ऐसी आग लगी की रेस्तरां भी जलकर ख़ाक हो गया| 

अब तक इस इंसान को अपने पैशन का पता चल चुका था| इसने फिर एक बड़ा होटल और रेस्टोरेंट खोला| जो चलना अभी शुरू ही हुआ था की विश्व युद्ध 2 के चलते मंदी आ पहुँची | और फिर से उसे अपना पसंदीदा बिज़नेस बंद करना पड़ा| अब तक इस आदमी की सारी जमा पूँजी भी ख़त्म हो चुकी थी |

लेकिन ये आदमी हार मानने का नाम ही लेता था | इसने अपनी सबसे प्रसिद्ध डिश बेचने की ठानी जिससे वो अपना बिज़नेस दोबारा खड़ा कर सके| लेकिन इसकी रेसिपी खरीदने में कोई रूचि ले रहा था| 1009 शेफ, होटल और रेस्टोरेंट मालिकों ने रेसिपी को लेने से मना कर दिया |

आखिरी में वो एक बड़े रेस्टोरेंट को अपनी रेसिपी बेचने में कामयाब हुए| उनकी ये डिश बहुत सफल रही | अब देखादेखी दूसरे रेस्टोरेंट ने भी इनकी रेसिपी खरीद ली |

फिर इन्होने उधार लेकर एक बढ़िया लोकेशन पर एक बड़ा रेस्टोरेंट खोला| अच्छे दिन शुरू ही हुए थे की उनको भारी नुकसान हो गया| हाईवे पर जाते हुए जिस रास्ते पर इन्होने रेस्टोरेंट खोला था, वो रास्ता 7 किलोमीटर दूर से मोड़ दिया गया| 

रास्ता बदल जाने से रेस्टोरेंट की लोकेशन खराब हो गई| इस बार इस व्यक्ति ने भारी नुकसान में अपना रेस्टोरेंट का बिज़नेस बेच डाला| और पत्नी के साथ कार में कुछ प्रेशर कुकर रखकर चल पड़ा | ये प्रेशर कुकर वो अपनी खास रेसिपी बनाने के लिए प्रयोग में लाता था |

अब ये आदमी शहर शहर जाता और कोई होटल मालिक इसकी रेसिपी में रूचि दिखाता तो उसे अपनी रेसिपी बनाकर खिलाता था| इसकी रेसिपी अगर होटल मालिक को पसंद आती तो कुछ दिन वहीँ रूककर ग्राहकों को बनाकर खिलाता |

जब ग्राहक तारीफ़ करते तो वो मालिक को फ्रैंचाइज़ी खरीदने के लिए मनाता | बाद में ये महाशय ने बताया की फ्रैंचाइज़ी बेचने का तरीका बड़ा धीमा और अपमानजनक था | कभी कभी जगह न मिलने के कारण पति पत्नी कार में ही सो जाया करते थे | ऐसे ही अगले छः साल तक वे दूसरे रेस्टोरेंट के मालिकों से मिलते रहे |

75 साल की उम्र में कर्नल सांडर्स का पसंदीदा बिज़नेस चल पड़ा| KFC वो पहली फ़ूड चैन बनी जिसने विदेशों में भी अपनी ब्रांच खोली| साल 1960 तक यू के, मैक्सिको और जमैका में फ़ैल चुके थे | कर्नल अपनी कम्पनी के ब्रांड अम्बेसडर थे| 

ये अस्सी साल की उम्र में देश और शहर घूमकर कस्टमर्स से मिलते | 90 साल की उम्र कर्नल का देहांत हो गया| तब तक KFC के 48 देशों में 6000 रेस्टोरेंट खुल चुके थे | 

मित्रो कर्नल सांडर्स की कहानी का दूसरा पहलू भी है| वो सेना के कर्नल नहीं थे| केंटकी Kentucky स्टेट ने उन्हें ये उपाधि सम्मान के रूप में दिया था | अपनी ब्रांडिंग के लिए उन्होंने इसका जमकर लाभ लिया| वो हमेशा सफ़ेद सूट पहना करते थे और मैचिंग के लिए उन्होंने अपने बाल भी सफ़ेद डाई कर लिए थे |

कर्नल सांडर्स गुस्सैल और सनकी इंसान थे| ये अधिकतर गाली देकर और अपमानजनक तरीके से बात करते थे| उनके ऐसे व्यवहार के कारण ही उनकी कई बार लड़ाईयां भी हुई | जिसके चलते गोलियों के चलने से उनके सहकर्मी की जान भी गई |

उनके बायोग्राफर  John Ed Pearce कहते हैं की उनका महिलाओं के प्रति चाल चलन भी अच्छा नहीं था | 

दोस्तों कर्नल सांडर्स की कमियाँ बताने का सिर्फ यही मतलब है की अगर आप चलते रहने को तैयार हैं तो आप में चाहे कितनी ही कमियाँ क्यों न हो आप बेहतर और बेहतर कर सकते हैं|

टोनी रॉबिन्स इसे कहते हैं – पर्सनल पॉवर! पर्सनल पॉवर मतलब आपके जो हालात हों | चाहे आपके साथ कितनी भी समस्याएं हो फिर भी आप सकारात्मक परिणाम पैदा कर सकते हैं| पर्सनल पॉवर का मतलब ये जानना है की आपका अतीत आपके भविष्य के जैसा नहीं है |

हममे से हर कोई कुछ न कुछ अविश्वसनीय कर सकता है लेकिन दुर्भाग्य से बहुत कम लोग हैं जो उस सम्भावना को छू पाते हैं | अपनी असीमित संभावनाओं को छू पाना ही पर्सनल पॉवर है | दोस्तों कर्नल सांडर्स अच्छे बिज़नेस मैन भी नहीं थे, वो बहुत खतरा मोल लेते थे | उन्होंने कम पैसों में KFC को बेचा | उनके दोस्तों के समझाने पर भी उन्होंने अधिक मोल भाव नहीं किया | 

चलता हुआ मुनाफा कमाने वाला बिज़नेस नहीं बेचा जाता | सांडर्स पैसे को नहीं बल्कि पैशन को महत्व दे रहे थे | कर्नल बस लोगों अपना पसंदीदा खाना खिलाना चाहते थे| और इसके लिए वो अपनी पूरी जिन्दगी मेहनत करते रहे | वो लगातार काम करते रहे और विपरीत परिस्थितियों में परिणाम पैदा करते रहे |

और ये पर्सनल पॉवर आप और मेरे अन्दर अभी मौजूद है | पर्सनल पॉवर जगाने का एक अच्छा तरीका है की अपनी डिजायर को बर्निंग डिजायर में बदल दीजिये जो आपको कभी रुकने न दे |

और दोस्तों याद रखिये आपके समय से अधिक कोई विडियो कोई app या कोई न्यूज़ कीमती नहीं है |

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *