स्वयं को जिम्मेदार क्यों ठहराना ? आप तो तय नहीं करते की आप कहाँ पैदा होंगे | भारत में शायद ही कोई होगा जिसने बिड़ला का नाम नहीं सुना होगा | अनन्या बिड़ला भारत के एक नामचीन घराने के बेटी हैं | ये एक पॉप गायिका, सॉंग राइटर, म्यूजिक कंपोजर और इंटरप्रेन्योर हैं|
ये दुनिया के सबसे अमीर इंसानों की सूची में आने वाले कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी हैं| आई. आई. टी. दिल्ली के चेयरमैन रह चुके कुमार मंगलम बिड़ला आदित्य बिड़ला ग्रुप के ही चेयरमैन हैं|
दोस्तों लेकिन आज हम कुमार मंगलम बिड़ला के बारे में नहीं उनकी बेटी अनन्या बिड़ला के बारे में बात करने वाले हैं | इनकी माता जी का नाम नीरजा बिड़ला है | अद्वैतेषा बिरला इनकी बहन का नाम है | इनके छोटे भाई का नाम आर्यमान विक्रम बिड़ला है |
यात्रा करना, किताबें पढ़ना और मैडिटेशन करना अनन्या बिड़ला को काफी ज्यादा पसंद है|
अनन्या बिड़ला 17 जुलाई 1994 में मुंबई में पैदा हुई थीं| बचपन से ही इन्हें म्यूजिक में बहुत इंटरेस्ट था| और महज 11 साल की उम्र से ही म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स को चलाना सीखना शुरू कर दिया था| अनन्या बिड़ला की स्कूलिंग अमेरिकन स्कूल ऑफ़ बॉम्बे से पूरी हुई |
इन्होने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट में अपनी पढ़ाई पूरी की है | अपने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान इन्होने गिटार बजाना सीख लिया था| इससे साथ ही ये पब्स और क्लब्स में भी परफॉर्म किया करती थीं |
और बाद इन्होने अपने स्वयं के गाने भी लिखना शुरू कर दिया | और अपना पहला गाना ” आई डोंट वांट टू लव..” रिलीज़ किया | इनके द्वारा गाया हुआ ये गाना यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप की नजरों में आया| और कुछ ही समय बाद अनन्या बिड़ला को यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप की तरफ से रिकॉर्डिंग कॉन्ट्रैक्ट भी मिल गया |
जिसके बाद इन्होने अपना दूसरा गाना ” लिविन द लाइफ.. ” रिलीज़ किया | इस गाने से इन्हें काफी ज्यादा लोगों पहचान मिली | लोगों का इनका काम काफी अधिक पसंद आया | इसके बाद इनके गाये हुए गाने के रीमिक्स भी आने लगे |
इसके साथ साथ ही अनन्या बिड़ला पहली ऐसी हिन्दुस्तानी कलाकार बन चुकी हैं जिनका गाना Pm Am Recordings की ओर से वर्ल्डवाइड रिलीज़ हुआ है | और दोस्तों इनके गाने को youtube पर 14 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज आ चुके हैं |
इसके बाद इन्होने अपना अगला गाना Meant to be.. रिलीज़ किया | इस गाने के लिए इन्हें इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री की तरफ से प्लैटिनम सर्टिफिकेशन भी मिला | जिसकी बदौलत ये दोबारा पहली ऐसी भारतीय कलाकार बन गईं जो अपने अंग्रेजी भाषा के सब टाइटल वाले गानों के लिए प्लैटिनम हासिल कर पाए हों |
इसके बाद मार्च 2018 में इन्होने अपना अगला गाना ” होल्ड ऑन ..” रिलीज़ किया |
म्यूजिक करियर से हटकर ये अपनी कई कंपनियां भी चलाती हैं | ये Assocham, Microfinance council of india की को-चेयर पर्सन भी बन चुकी हैं | इसके कुछ ही समय बाद इन्होने एक इ कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म ” Curo Carte ” की भी शुरुवात की | इस कम्पनी की ये फाउंडर और सीईओ हैं |
इतना ही नहीं ये विदेशों में रहकर भी काफी सामाजिक काम किया करती थीं | जो स्टूडेंट्स डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं उनकी मदद करके उन्हें डिप्रेशन से बाहर लाया करतीं थीं |
अनन्या बिड़ला और इनके फैन्स के बीच एक बड़ी सामाजिक खांई है| इनका मानना है की खासकर हिंदुस्तान में अमीर और गरीब के बीच एक बड़ी खांई है | अनन्या बिड़ला की बढ़ती उम्र के साथ ये बात इनको कचौटती थी | ये इस खाईं को भरने के लिए कुछ करना चाहतीं थी |
अनुमान के मुताबिक बिड़ला परिवार की संपत्ति 9 अरब यूरो से भी अधिक है | लेकिन अनन्या बिड़ला ने पारिवारिक बिज़नेस को अपनी सहभागिता देने के बजाय खुद की कम्पनी बनाई| इनकी कम्पनी का नाम है ” स्वतंत्र माइक्रो फिन ” Svatantra Microfin
ये कम्पनी ग्रामीण भारत में काम करती है | अनन्या बिड़ला ने जब अपनी ये कम्पनी बनाई तो इन्हें बैंकिंग का कोई अनुभव प्राप्त नहीं था| इस कम्पनी में 30 से 40 या फिर उससे भी ज्यादा उम्र वाला था | और ये सिर्फ उस समय 17 साल की थीं |
शुरुआती समय इन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता था, बैंकों का रूख भी ऐसा ही था | इन्हें कोई उधार नहीं देना चाहता था | इनकी टीम को कोई ज्वाइन नहीं करना चाहता था | इनके साथ सबसे मुश्किल काम लोगों को अपने साथ लाना था | और इसे भी दिखाना था की इस कम्पनी को लेकर ये गंभीर हैं |
हाँ ये बच्ची थीं लेकिन एक ऐसी बच्ची जो कुछ करना चाहती थी |
भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके पास जमीन या अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई भी कागजात नहीं मौजूद है | खासकर गांवों में तो बहुत से लोगों के पास कोई बचत नहीं होती | ऐसे लोगों के लिए बैंक से लोन लेना बहुत ही मुश्किल काम होता है |
ऐसे लोगों को स्वतंत्र माइक्रो फिन छोटे छोटे लोन देती है जिन्हें माइक्रो क्रेडिट नाम दिया गया है|
इस कम्पनी ने लगभग 3 करोड़ यूरो से भी अधिक की रकम छोटे छोटे लोन में दी है, खासकर महिलाओं को | महिलाओं और पैसे के नियंत्रण के बीच एक मजबूत सम्बन्ध है | इससे आगे चलकर परिवार और पर्यावरण को बहुत लाभ होते हैं | एक स्थानीय सिस्टम के कारण लोन की ये रकम चुकाने की दर 99 प्रतिशत तक है |
अनन्या बिड़ला एक प्रकार की सामाजिक संस्था बनाई है| ये अपने समूह में महिलाओं को रखती हैं और अगर कोई महिला लोन अदा नहीं कर सकती तो फिर अन्य दूसरी महिलाएं इसे अदा करती हैं | और इससे थोड़ा दबाव पड़ता है|
इस निजी बैंक ने पूरे भारत में पाँच लाख से ज्यादा महिलाओं की मदद कर चुकी है | एक बात ये स्पष्ट करती हैं की ये खैरात नहीं दे रही हैं, लोन पर बाकी बैंकों जितना ही व्याज लिया जाता है | लोन पाने की प्रक्रिया आसान हो सकती है, खासकर क्रेडिट इन्क्वायरी डिजिटल हो सकती है और ग्राहकों को डिजिटल अकाउंट मिलता है |
अनन्या बिड़ला का मानना है की वो आगे बढ़ने में ऐसे लोगों की मदद कर पा रहीं हैं| ये इसे सरोकार भी कहना पसंद करती हैं| ये लोग मूल धन और ब्याज चुकाते हैं | माइक्रो लोन महिलाओं को आगे बढ़ने और आत्म निर्भर बनने में सहायक हो रहें हैं| खासकर भारत जैसे देश में बहुत जरूरी है |