Rakesh Jhunjhunwala Big Bull of India Biography

Rakesh Jhunjhunwala Big Bull of India Biography

भारत के वारेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का लम्बी बीमारी के बाद देहांत हो चुका है | ख़बरों के मुताबिक उनकी दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था|इन्हें डायलेसीस पर रखा गया था| लेकिन मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है |

राकेश झुनझुनवाला जी की मृत्यु सभी निवेशकों के लिए बुरी खबर है| क्योंकि ये महान व्यक्तित्व लाखो करोड़ों इन्वेस्टर्स के लिए प्रेरणा स्रोत थे| राकेश झुनझुनवाला जी बिग बुल के नाम से भी जाने जाते थे|

इन्होने स्टॉक मार्केट की दुनिया में सिर्फ पाँच हज़ार रुपये से अपना सफ़र शुरू किया था| अपनी मृत्यु के बाद ये लगभग 40,000 करोड़ से अधिक संपत्ति छोड़कर गए हैं|

अभी महज कुछ सप्ताह पहले इन्होने अपनी एयरलाइन कम्पनी को लांच किया था| इस एयरलाइन कम्पनी का नाम अकासा एयरलाइन है |

झुनझुनवाला जी एक दूरद्रष्टा थे और रिस्क लेने की इनको आदत सी पड़ गई थी| अपने मन की बात करने वाले राकेश झुनझुनवाला जी कभी भी घुमा फिराकर बात नहीं करते थे|

कैसे मात्र 5000 रुपये के निवेश को इन्होने बदल दिया 43000 करोड़ में ?

क्या है इनका हर्षद मेहता कनेक्शन ?

इन्वेस्टिंग के अलावा इनके और कौन कौन से प्रोफेशन हैं ?

इनका आने वाला वेंचर कौन सा है ?

चलिए आज इनकी जिन्दगी के सफ़र के बारे में और अधिक जानते हैं ..

राकेश झुनझुनवाला जी का जन्म 5 जुलाई सन 1960 को मुंबई के एक मारवाड़ी घराने में हुआ था | इनके पिताजी आयकर विभाग में अधिकारी थी जिनको स्टॉक मार्केट में भी काफी इंटरेस्ट था | घर में हमेशा यही बात होती रहती थी टैक्स, शेयर , पैसा प्रॉफिट| शुरुवाती माहौल ऐसा पाकर इनके मन में इच्छा आ चुकी थी की शेयर मार्केट में कुछ करना है |

ये अक्सर अपने दोस्तों के बीच शेयर सम्बंधित बातें किया करते थे | 14 साल की उम्र में एक दिन राकेश झुनझुनवाला ने अपने पिता से पूछा – पापा शेयर मार्केट क्या होता है ? तब इनके पिता जी ने जवाब दिया की बेटा शेयर मार्केट को समझना इतना आसान नहीं है | अखबार पढ़ा करो उसमे रोज अलग अलग कंपनियों के बारे में जानकारियाँ दी होती हैं |

शेयर मार्केट में शेयर खरीदने से पहले कंपनियों के उतार चढ़ाव के बारे में जानकारी हासिल करनी होती है| राकेश झुनझुनवाला के लिए शेयर मार्केट का ये पहला ज्ञान था|

अपने पिता के कहे अनुरूप ये अलग अलग कंपनियों की जानकारी से अपडेट रहने लगे | और जब इन्होने ठीक ठाक ज्ञान प्राप्त कर लिया तो अपने पिता से स्टॉक मार्केट में उतरने की इच्छा जताई | लेकिन इनके पिता ने तुरंत इनकार कर दिया | उन्होंने कहा की पहले तुम अपनी प्रोफेशनल पढ़ाई पूरी कर लो फिर तुम्हारा जैसा मन करेगा वैसा करना |

आगे चलकर इन्होने Sydenham College of Commerce & Economics से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्ति करी | और फिर साल 1985 में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए | दोस्तों राकेश झुनझुनवाला ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी अब समय था शेयर बाज़ार में कदम रखने का |

लेकिन निवेश करने के लिए इनके पास कुछ खास रकम नहीं थी | अपना पहला इन्वेस्टमेंट इन्होने सिर्फ 5000 का किया| इन्होने शेयर मार्केट से अपना बड़ा मुनाफा साल 1986 में कमाया |

राकेश झुनझुनवाला जी ने साल 1985 में, मात्र 5000 रुपये लेकर शेयर बाज़ार की दुनिया में अपना पहला कदम रखा था | और फिर कदम दर कदम से बढ़ते हुए बेलाल स्ट्रीट के बिग बुल कई हज़ार करोड़ो का साम्राज्य खड़ा कर गए |

स्टॉक मार्केट में जब इन्होने कदम रखा था तब सेंसेक्स मात्र 150 पॉइंट ही चढ़ सका था| और आज जब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा बोला तो सेंसेक्स 60,000 के आस पास है | इनकी नेट्वोर्थ की बात करें तो आज 40,000 करोड़ से भी ज्यादा इनकी नेट्वोर्थ है |

शुरुआती 5000 रुपये का इस्तेमाल करके उन्होंने पैसों को निवेश करना सीखा | निवेश की विद्या सीखने के बाद जब इन्हें आत्म विश्वास आ गया तो इन्होने अपने भाई के एक क्लाइंट से ढाई लाख रुपये लोन लिया, उन्हें इस विश्वास में लेकर की वो उन्हें FD से बढ़िया return दिलाएंगे|

उस वक़्त FD पर 10 % के रिटर्न मिलते थे| उन्होंने भाई के उस क्लाइंट से वादा किया था की 18% रिटर्न  दिलाएंगे | इन पैसों का इस्तेमाल करके राकेश झुनझुनवाला जी टाटा टी के 5000 शेयर खरीद लिए थे 43 रुपये की कीमत पर | टाटा टी के इस शेयर को लेने के बाद मात्र तीन महीने के भीतर ही इसी शेयर का दाम 143 रुपये तक पहुँच गया |

इसी शेयर को बेचकर राकेश झुनझुनवाला जी ने तीन गुना तक का मुनाफा कमाया| और यहीं से उनकी स्टॉक मार्केट में असली यात्रा आरम्भ होती है |

साल 1986 में मंदी का डर लोगों में व्याप्त था और सभी शेयर बाज़ार में निवेश करने से डर रहे थे | तब राकेश झुनझुनवाला ने टाटा पॉवर कम्पनी के शेयर खरीद लिए | इसी गतिविधि से उन्हें इतना अधिक फायदा हुआ की नेट्वोर्थ 50 लाख तक पहुँच गई |

साल 1986 से 1989 तक इन्होने अलग अलग निवेश करके 20-25 लाख रुपये और कमा लिए| इस तरह साल 1989 तक इनकी नेट्वोर्थ 1 करोड़ रुपये तक पहुँच गई |

इसके बाद इन्होने एक बड़ा रिस्क ले डाला | उस समय SESA GOA नाम का एक स्टॉक हुआ करता है जिसे अभी वेदांता के नाम से जाना जाता है | इन्होने 28 रुपये की कीमत पर इस कम्पनी का चार लाख शेयर खरीद लिया | इस शेयर को खरीदने के कुछ ही समय बाद इसकी कीमत 65 रुपये चली गई तो इन्होने ढाई लाख शेयर 65 की कीमत पर बेच दिए |

कुछ समय बाद कीमत में इजाफा हुआ तो कीमत 150 तक पहुँच गई तो इन्होने 1 लाख शेयर और बेच दिए | फिर आगे चलकर इसी स्टॉक की कीमत 2200 रुपये तक बढ़ गई| ऐसे करके उन्होंने सारे शेयर बेच दिए और उनकी नेट्वोर्थ पहुँच गई तक़रीबन ढाई करोड़ !

साल 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में वित्त मंत्री थे मधु धनवते जी | और सभी निवेशकों को ये अंदाजा था की इस बार का बजट सामाजिक चीजों पर केन्द्रित रहेगा | और यही मुख्य कारण था की सभी निवेशक निवेश करने से डर रहे थे |

लेकिन झुनझुनवाला को लग रहा था की प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह. को बिज़नेस का ज्ञान है इसलिए बजट के फोकस में बिज़नेस ही रहेगा | यही मुख्य वजह रही की उस समय राकेश झुनझुनवाला जी बड़े पैमाने पर निवेश किया |

1989 के बजट से पहले राकेश झुनझुनवाला की नेट्वोर्थ ढाई करोड़ के आस पास थी|  वहीँ बजट पास होने छः महीने के भीतर इनकी नेट्वोर्थ में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला और नेट्वोर्थ पहुँच गई 40 से पचास लाख | क्योंकि बजट से पहले जैसा उन्होंने सोचा था वैसा ही हुआ | बजट बिज़नेस को केंद्र में रखकर बनाया गया था | इस वजह से व्यापार में काफी बृद्धि देखने को मिली थी |

इसके बाद साल 2002- 2003 के बीच इन्होने अपने पूरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निवेश किया| इन्होने 3 रुपये की शेयर कीमत पर टाइटन कम्पनी के 4.4 करोड़ शेयर खरीद लिए थे | इस खरीददारी के कुछ ही दिन बाद टाइटन शेयर के दाम 80 रुपये तक पहुँच गए थे| यानी इनकी नेट्वोर्थ 300 करोड़ तक पहुँच गई थी फिर भी इन्होने टाइटन का एक भी शेयर नहीं बेचा| और कुछ समय बाद टाइटन शेयर की कीमत 30 रुपये तक गिर गई थी लेकिन फिर इन्होने एक भी शेयर नहीं बेचा | आज टाइटन शेयर कीमत 2400 के आस पास है |

आज टाइटन कंपनी में राकेश झुनझुनवाला की होल्डिंग्स 11 हज़ार करोड़ के करीब है| इसके अलावा Lupin, Crisil, Aurobindo, praj industry आदि में इनके काफी ज्यादा निवेश करके इन्होने काफी ज्यादा रीटर्न बना डाले हैं |

15 सितम्बर 2021 में राकेश झुनझुनवाला जी ने जी एंटरटेनमेंट में 120 करोड़ रुपये का निवेश किया था| और निवेश के 8 दिन बाद खबर आई की जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स का मर्जर होगा | और इसी न्यूज़ के बाद जी एंटरटेनमेंट के शेयरों के दाम में 30 प्रतिशत का उछाल आ गया था | यहाँ से राकेश झुनझुनवाला जी महज आठ दिनों में 50 करोड़ रुपये कमा लिए थे |

राकेश झुनझुनवाला जी अपने अंतिम वक़्त में सार्वजानिक तौर पर 44 स्टॉक्स में निवेश किये हुए थे| जिसमे टाटा मोटर्स में 1700 करोड़ का निवेश, क्रिसिल में 1300 करोड़, Fortis Health care में 898 करोड़, फेडरल बैंक में लगभग 850 करोड़, इंडियन होटल कंपनी लिमिटेड में लगभग 850 करोड़, NCC limited में 500 करोड़, Rallis India Limited में 400 करोड़, Nazara में 423 करोड़ आदि |

अभी इन्होने अपनी एयरलाइन कंपनी अकासा शुरू की है | इस समय एयरलाइन कंपनियां घाटे में चल रही है, ये बात वो अच्छी तरह से जानते थे लेकिन फिर भी इन्होने ये कम्पनी लांच की | साल 2022 से इस एयरलाइन की शुरुवात हो चुकी है | अगले चार साल के भीतर अकासा एयरलाइन में 70 हवाई जहाज सेवाएं दे रहे होंगे |

इनका कहना था की अब तक की सबसे सस्ती एयरलाइन इन्होने लांच कर दी है |

इसमें उनका कोई विज़न ही रहा होगा| इसको लेकर इन्होने यहाँ तक कह दिया था की वो असफलता के लिए तैयार है| ये थी निवेशकों में लीजेंड राकेश झुनझुनवाला जी की निवेश यात्रा |

ऐसा नहीं है की राकेश झुनझुनवाला जी ने सिर्फ मुनाफा ही उठाया है| इन्होने बड़े बड़े नुकसान भी झेले हैं | दिसंबर 2011 इन्होने जिस भी बड़ी कम्पनी में निवेश डाला था | उनमे से अधिकतर कंपनियों की स्टॉक वैल्यू बहुत तेज़ी से नीचे गिरी | जिसकी वजह से इनके पोर्टफोलियो में 30 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई| इसके बावजूद इन्होने अपना दिमाग चलाते हुए फ़रवरी 2012 में ही उस घाटे की भरपाई कर ली | नोट बंदी के दौरान भी राकेश झुनझुनवाला जी को अच्छा खासा घाटा देखना पड़ा था |

बहरहाल जो भी हो उतार चढाव भरे सफ़र को पूरा करते हुए आज राकेश झुनझुनवाला की नेट्वोर्थ करीब चालीस हज़ार करोड़ रुपये से भी अधिक है | और ये आज ये भारत के 36 वें सबसे धनवान इंसान बन चुके थे|

राकेश झुनझुनवाला का एक ही मंत्र है – बाई राईट एंड होल्ड टाइट ( सही शेयर खरीदें और उसे धैर्य के साथ होल्ड करें )| क्योंकि स्टॉक मार्केट में अगर आपने जल्दबाजी करी तो नुकसान होना तय है |

राकेश झुनझुनवाला एक शानदार निवेशक होने के साथ साथ Aptech Limited और Hungama Digital Media के चेयरमैन भी थे| इन्होने Ki & Ka, Shamitabh और इंग्लिश विंग्लिश का प्रोडक्शन भी किया था |

दोस्तों राकेश झुनझुनवाला जी ने अपनी कड़ी मेहनत और काबिलियत के बलबूते वो मक़ाम हासिल कर लिया था की आज उन्हें किसी परिचय की जरुरत नहीं | इनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है विशेषकर उनके लिए जिन्हें लगता है पैसे की कमी के कारण वो कामयाब नहीं हो सकते |

हर्षद मेहता कनेक्शन –

ये 90 के दशक की बात है| उस समय हर्षद मेहता बिग बुल हुआ करते थे | वो जिस शेयर पर हाथ लगाता था वो शेयर ऊपर चला जाता था |राकेश झुनझुनवाला उस समय राधाकिशन दमानी के साथ बियर ग्रुप में आते थे | ये कहते थे की जब शेयर टूटेगा तब हम पैसे कमाएंगे | उस समय शेयर मार्केट में हर्षद मेहता ऊपर चढ़े जा रहे थे और हर किसी को यही चिंता थी की अब क्या होगा ?

और जैसे ही उस वक़्त हर्षद मेहता के घोटाले की बात जग जाहिर हुई, उसके शेयर एकदम तेज़ी से नीचे गिरे और इसी समय इन्होने तगड़ा मुनाफा कमाया | अब ये बियर से हटकर बुल में आ गए और भारत की इकॉनमी में दांव लगाने लगे | बिग बुल बनने के बाद ये जिस शेयर को चुनते वो शेयर फिर भागता ही जाता है |

इसी दौरान इनका विवाह हो गया और 2003 में इन्होने अपनी एक कम्पनी बनाई | जिसका नाम इन्होने रखा – RARE Enterprises, जहाँ इन्होने अपने निवेश को करना जारी रखा |

इनको बाज़ार में बिग बुल क्यों कहते हैं ?

बुल वो हैं जो किसी शेयर को खरीदते हैं तो वो राकेट हो जाता है| इन्होने जितने निवेश किये, इनके निवेश के बाद ही वो कई गुना बढ़ जाता है,, इसलिए इन्हें इस इंडस्ट्री का बिग बुल कहा जाता है |

इन्हें हिंदुस्तान का वारेन बफेट क्यों कहा जाता है ?

वारेन बुफेट निवेश के लिए एक विशेष निवेश की विधि को अपनाते हैं, जिसे कहते हैं वैल्यू इन्वेस्टिंग | वैल्यू इन्वेस्टिंग का मतलब है एक बढ़िया कम्पनी को स्टडी करो, उसको समझो, उसके शेयर खरीदकर रख लो ,, बेचो मत |

वारेन बफेट खरीदते हैं और बैठ जाते हैं, बेचते ही नहीं हैं | इसी तरीके पर राकेश झुनझुनवाला भी निवेश करते आये थे | इन्होने टाइटन का शेयर 2500 रुपये के बाद भी बेचा नहीं | इसलिए इनको india का वारेन बफेट कहते हैं | ये किंग ऑफ़ डिविडेंड भी हैं | इन्हें हर साल डिविडेंड से करोड़ों की कमाई होती आई थी | अभी हाल ही में टाइटन, क्रिसिल जैसी कई कंपनियों से करोड़ों रुपये की इनकी डिविडेंड से इनकम आ रही है |

ये इस इनकम क्या करते हैं ?

एक सफल निवेशक अपनी इनकम डाइवर्सिफाई करता है |  साल 2008 से डिविडेंड से आई राशि का 25 % ये दान दे दिया करते थे |

इसके अलावा इनके और भी कई वेंचर भी हैं | एक कम्पनी है इनकी – Humgama जो मूवी प्रोडक्शन का काम करती है | Hungama App भी उपलब्ध है |

 

 

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