Cyrus Mistry Success Story in Hindi Biography

Cyrus Mistry Success Story in Hindi Biography

साइरस मिस्त्री इस संसार को अलविदा कह चल दिए | देश के बड़े उद्यमियों में आता था इनका नाम |

टाटा ग्रुप से क्या सम्बन्ध थे इनके ?

मुंबई के पालघर में हुए कार सड़क हादसे में के भारत देश के एक नामी उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मृत्य हो गई | इस हादसे में देश ने अपने उद्योग जगत के एक नामचीन सितारे को खो दिया | ये हादसा इतना खतरनाक था की इसने साइरस मिस्त्री को धटनास्थल पर ही निगल लिया |

साइरस मिस्त्री भारतीय उद्योग दुनिया की वो उस चमकती हस्ती का नाम था जिनके निधन से उद्योग जगत को बड़ी क्षति हुई है| ये शापूर जी पलोन जी एंड कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे| ये कम्पनी इनके परिवार के व्यवसाय से सम्बन्ध रखता है| इस ग्रुप का नाम साइरस मिस्त्री के दादा जी शापूर जी मिस्त्री के नाम पर है|

इनके दादा जी शापूर जी मिस्त्री ने इस ग्रुप की नींव साल 1930 में रखी थी | शापूर जी मिस्त्री ने टाटा ग्रुप के साढ़े अट्ठारह प्रतिशत शेयर खरीद लिए थे |

आप जानकर हैरान हो जायेंगे की साइरस मिस्त्री का ग्रुप ही इकलौता ऐसा ग्रुप है जो टाटा समूह के इतने अधिक स्टेक का स्वामी है | लिहाजा साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने का गौरव प्राप्त हुआ था |

साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का छठवां चेयरमैन बनने का गौरव हासिल है | टाटा ग्रुप के दूसरे ऐसे चेयरमैन साइरस मिस्त्री थे जो टाटा परिवार से नहीं थे | ये विनम्र स्वभाव और जुझारू प्रवृत्ति के स्वामी थे |

4 जुलाई 1968 में जन्मे साइरस मिस्त्री का पूरा नाम साइरस पलोन जी मिस्त्री था |  पैट्सी पेरिन इनकी माता जी का नाम था वो आयरलैंड की रहने वाली थीं | इनके पिताजी का नाम पलोन जी मिस्त्री था |

साइरस मिस्त्री ने अपनी शुरुवाती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन केनन से पूरी की थी | इसके बाद आगे के शिक्षा के लिए ये लन्दन पहुँच गए| जहाँ पहुँचकर इन्होने लन्दन यूनिवर्सिटी के इम्पीरियल कॉलेज ऑफ़ लन्दन से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री साल 1990 में हासिल कर ली | आगे चलकर सन 1996 में साइरस मिस्त्री ने लन्दन यूनिवर्सिटी से ही मैनेजमेंट की डिग्री भी प्राप्त कर ली |

साइरस मिस्त्री का पारिवारिक जीवन

इनके पारिवारिक जीवन पर नजर डालें तो इनके जीवनसाथी का नाम रोहिका मिस्त्री है | साइरस और रोहिका के दो बेटे हैं|

ये अपने पारिवारिक व्यवसाय में साल 1991 में बतौर डायरेक्टर ज्वाइन हो गए थे |

साइरस मिस्त्री ने Tata Elxsi में भी साल 1990 से साल 2009  अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके थे| टाटा पॉवर कारपोरेशन में साइरस मिस्त्री साल 2006 तक डायरेक्टर के पद पर आसीन रहे |

साल 2006 में ही जब इनके पिता पलोन जी सेवा निवृत्त हुए तो उनके स्थान पर साइरस मिस्त्री टाटा बोर्ड में शामिल कर लिए गए |

आगे चलकर साल 2013 में साइरस मिस्त्री को पूरे टाटा ग्रुप का चेयरमैन बना दिया गया | लेकिन वर्ष 2016 में टाटा ग्रुप के बोर्ड के सदस्यों ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन की कुर्सी से हटा दिया | और इसी के बाद से रतन टाटा जी फिर से टाटा ग्रुप के चेयरमैन बन गए |

चेयरमैन की कुर्सी से हटने के बाद साइरस मिस्त्री इस कदर नाखुश थे की इन्होने अचानक चेयरमैन की कुर्सी से हटाये जाने के विरोध में टाटा संस और रतन टाटा जी के खिलाफ केस दायर कर दिया | परिणामस्वरूप कॉर्पोरेट बैटल न्यायालय ने अपना फैसला साइरस मिस्त्री के पक्ष में दिया |

लेकिन टाटा ग्रुप कोर्ट के इस निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया और सुप्रीम कोर्ट का फैसला टाटा ग्रुप के पक्ष में रहा था| इस केस ने इतनी सुर्खियाँ बटोरी थी इसे कॉर्पोरेट बैटल का नाम मिल गया था |

 

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