Inspirational Story with Moral Hindi Motivational Kahani
एक बार एक बच्चे ने अपने पापा से पूछा की – पापा मेरी जिंदगी की क्या वैल्यू है ?
एक बार एक बच्चे ने अपने पापा से पूछा की – पापा मेरी जिंदगी की क्या वैल्यू है ?
तब उसके पापा ने कहा अगर तुम सच में अपनी जिंदगी की कीमत समझना चाहते हो, तो मैं तुम्हे एक पत्थर देता देता हूँ, इस पत्थर को लेकर बाज़ार में चले जाना और अगर कोई इसकी कीमत पूछे तो कुछ मत कहना, बस अपनी दो ऊँगली खड़ी कर देना |
वो लड़का बाज़ार गया, वो कुछ समय तो वहाँ ऐसे ही घूमता टहलता रहा और एक जगह बैठ गया और कुछ देर बाद ही एक बूढी औरत उसके पास आई और उस पत्थर की कीमत पूछने लगी|
वो लड़का एकदम चुप रहा, उसने कुछ नहीं कहा और अपनी दो उँगलियाँ खड़ी कर दी और तब ही वो बूढी औरत बोली 200 रुपये ? ठीक है, इस पत्थर को मैं तुमसे खरीद लूंगी |
वो बच्चा एक दम से अचंभित हो गया की एक पत्थर की कीमत 200 रुपये, चूंकि पत्थर कहीं भी सामान्य रूप से मिल जाते हैं लेकिन उसकी कीमत 200 रुपये |
वो तुरंत अपने पापा के पास गया और बोला, पापा मुझे बाज़ार में एक बूढी औरत मिली थी और वो इस पत्थर के 200 रुपये देने को तैयार थी |
पापा ने कहा इस बार तुम इस पत्थर को म्यूजियम में लेकर जाना और कोई अगर इसकी कीमत पूछे तो कुछ मत कहना सिर्फ अपनी दो ऊँगली खड़ी कर देना |
वो लड़का इस बार म्यूजियम में गया और वहाँ पर, एक आदमी की नजर उसके हाथ में लिए पत्थर पर पड़ी और तुरंत उसने उस पत्थर की कीमत पूँछी, वो बच्चा एक दम चुप रहा और उसने अपनी दो उँगलियाँ खड़ी कर दी |
तभी वो आदमी बोला – बीस हज़ार रुपये ? ठीक है , मैं तुम्हे इस पत्थर के बदले बीस हज़ार रुपये देने को तैयार हूँ , यह पत्थर तुम मुझे देदो | वो लड़का फिर से चौंक गया और जाकर अपने पापा को बोला |
पापा मुझे म्यूजियम में मुझे एक आदमी मिला था और इस पत्थर के 20000 रुपये देने को तैयार था | तभी उसके पापा ने कहा , अब मैं तुम्हे आखिरी जगह भेजने जा रहा हूँ और अब तुम्हे जाना कीमती पत्थरों की दुकान पर और अगर वहाँ पर भी कोई इसकी कीमत पूँछे तो कुछ मत कहना बस अपनी दो उँगलियाँ खड़ी कर देना |
वो लड़का जल्दी से कीमती पत्थरों की दुकान पर गया और उसने देखा की एक बूढ़ा आदमी था, जो काउंटर के पीछे खड़ा था जैसे ही उस बूढ़े व्यक्ति की नजर उस पत्थर पर पड़ी वो एक दम से चौंक पड़ा |
वो काउंटर से बाहर निकला और तुरंत उस बच्चे के हाथ से वो पत्थर ले लिया और बोला ओह माय गॉड , इस पत्थर की खोज में मैंने अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी , कहाँ से मिला ये पत्थर तुमको ? और क्या कीमत है इसकी ? कितना लोगे तुम इस पत्थर के लिए, ये पत्थर तुम मुझे दे दो |
वो बच्चा इस बार भी चुप रहा और इस बार भी उसने अपनी दो उँगलियाँ खड़ी कर दी तभी वो बूढ़ा आदमी बोला – कितने दो लाख रुपये | ठीक है , मैं तुम्हे इसके लिए दो लाख रुपये देने को तैयार हूँ , प्लीज़ तुम ये पत्थर मुझे दे दो |
उस बच्चे को इस बार अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था | वो जल्दी से अपने पापा के पास पहुँचा और बोला पापा कीमती पत्थरों की दुकान एक बूढ़ा आदमी, इसके लिए दो लाख रुपये देने को तैयार है |
और इसके बाद उसके पापा ने कहा – क्या तुम अब समझे अपनी जिंदगी की वैल्यू ?
Moral
आपकी जिंदगी की वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है की आप अपने आपको, कहाँ रखते हैं | इस बात का निश्चय आपको करना है की आपको 200 रुपये का पत्थर बनना है या फिर दो लाख रुपये का |
जिंदगी में कई सारे ऐसे लोग होते हैं जो आपसे बहुत प्यार करते हैं, उनके लिए आप सब कुछ हो | और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपको सिर्फ एक वस्तु के रूप में उपयोग करेंगे, उनके लिए आप कुछ भी नहीं हो | ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आपकी जिंदगी की वैल्यू क्या होगी ?
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