Rajnikanth Boost Your Confidence Success Story in Hindi
सुपरस्टार रजनीकांत की सफलता की कहानी आपका आत्मविश्वास बढ़ा देगी
रजनीकांत, अक्षय कुमार, शाहरुख़ खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, टॉम क्रूज़ इतने जो आप बड़े बड़े नाम सुन रहे हो और इनकी सुपर सफलता देख रहे हो| आपको क्या लगता है इन्हें सफलता चुटकी बजाते ही मिल गई|
ये जान लो इनकी जिंदगी और आपकी जिंदगी में असल में कोई अंतर नहीं है| सबकी जिन्दगी में कठिनाईयाँ होती ही है| सबकी जिंदगी संघर्षो से शुरू होती है पर इन लोगों को अंत में सफलता मिली इसलिए आपको भी सफलता जरूर मिल कर ही रहेगी|
इस आर्टिकल को पूरा पढ़िएगा और अंत में मोटिवेशन की आग न लग जाये तो कहना चाहे जो भी जाये पूरा आर्टिकल बस एक बार पढ़ लेना| आप क्या से क्या बन सकते हो ये जान लो एक बार! इन सबकी कहानी से अपनी जिंदगी को जोड़कर देखो, ऐसी मोटिवेशन मिलेगी की आपको एक स्टार बनने से या आप जो चाहते हो वो बनने से, आपको कोई नहीं रोक सकेगा|
बस कंडक्टर से सुपरस्टार – रजनीकांत
रजनीकांत को कौन नहीं जानता अपने विनम्र स्वाभाव और अपनी सफलता से जाने जाने वाले रजनीकांत की जिंदगी हमेशा से ऐसी नहीं थी| जब तक ये आठ साल के बच्चे थे तब तक इनका परिवार बिलकुल एक साधारण परिवार ही था जैसे अधिकतर परिवार होते हैं|
उनके फादर एक पुलिस कांस्टेबल थे और उनकी मम्मी एक हाउस वाइफ थीं| सब कुछ ठीक चल रहा था पर जब वो 9 साल के हुए तो दुर्भाग्य से उनकी माँ ये संसार छोड़कर चली गईं फिर उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद से इनकी जिंदगी में संघर्षों की एंट्री हुई|
आज के सुपरस्टार रजनीकांत भी कभी एक ऐसे लड़के थे जो अपने परिवार की इनकम में हाँथ बटाने के लिए, अलग अलग कामों को करना आरंभ कर दिया|
कोई बढ़िया नौकरी न मिलने के कारण इन्हें बहुत कम सैलरी वाली नौकरियाँ करनी पड़ी| आपको विश्वास नहीं होगा दक्षिण सिनेमा के गॉड माने जाने वाले रजनीकांत को कुछ पैसों के लिए कूली की नौकरी करनी पड़ी थी मतलब ये रजनीकांत सुपरस्टार एक समय रेलवे स्टेशन पर लोगों का सामान उठाकर एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाते थे|
कूली के काम से इनकी आमदनी कुछ खास नहीं हो रही थी इसलिए उन्होंने कारपेंटरी का काम भी शुरू कर दिया मतलब अब ये लोगों के घरों में फर्नीचर बनाने का काम भी करने लगे| इन दोनों कामो से भी इनकी आमदनी इतनी नहीं हो रही थी की ये एक अच्छी जिंदगी जियें|
सुपरस्टार की फैमिली को देखकर हम लोगों के मन में बड़ी बड़ी बात आती है की बचपन से ही इनकी लाइफ चमकी हुई होगी, इनकी बहुत सारी जान पहचान होगी और ये सब|
पर रजनीकांत के पास इन सबमे में से कुछ नहीं था असल में उस समय रजनीकांत की आमदनी पांच से छः हज़ार भी होती तो वो खुश रहते, ऐसी हालत थी उस समय|
इनकी आमदनी इतनी भी नहीं हो रही थी, बहुत स्थानों पर इन्होने धक्का खाया और आखिर में इन्हें बहुत मुश्किलों के बाद, बहुत कठिनाईयों के बाद B.T.S यानि बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में नौकरी मिल गई, वो एक बस कंडक्टर बन गए| बस कंडक्टर उस समय बनना, उनके लिए एक बड़ी सफलता थी क्योंकि कूली और बढ़ई के मुताबिक इन्हें बस कंडक्टर के काम में ज्यादा आमदनी हो रही थी|
उसके बाद जिंदगी आगे सामान्य रूप से बढ़ती रही और ये बस कंडक्टर का काम करते रहे पर कहा जाता है न हर किसी के अन्दर कोई न कोई टैलेंट होता है और वो कभी न कभी उभर ही जाता है इसलिए वो नौकरी के साथ साथ एक्टिंग भी करना शुरू कर दिए|
बात ये है की इन्होने कभी सोचा नहीं था की एक्टिंग इनको कितना ऊपर तक ले जाने वाली थी जिसे हम कहते हैं न जस्ट कैजुअली मतलब बस ऐसे ही वो अपने पैशन के लिए एक्टिंग करते थे और उससे भी थोड़े पैसे आने लगे|
आपको बता दें की उस समय उनके परिवार वाले पूरी तरफ से सपोर्ट में नहीं थे मतलब वो इनके एक्टिंग के काम से खुश नहीं थे| परिवार वाले तो यही चाहते थे की वो कोई ऐसा काम करें जिससे ज्यादा पैसे मिले और घर का खर्च चल सके और तो और उस समय एक्टिंग को ज्यादा महत्व भी नहीं दिया जाता था|
क्योंकि हर कोई तो यही मानता है की एक्टिंग में सफलता पाना, एक लोटरी लगने जैसा होता है इसलिए इनके परिवार के सभी सदस्य इन्हें एक स्थायी नौकरी करते हुए देखना चाहते थे और इसमें कोई दो राय नहीं की हमारे ज्यादातर भारतीय परिवारों में ऐसा ही हाल होता है|
बात ये है की आपके अन्दर की उस यूनिक कला को, जो टैलेंट आपके अन्दर है उसे बाहर निकालने में कोई सपोर्ट नहीं करता, हम आपके दिल की बात अच्छे से समझते हैं|
परिवार को बच्चे की स्कूल की लाइफ में सिर्फ पढ़ाई से मतलब होता है और बड़े होने के बाद नौकरी से और देखा जाये तो इसमें परिवारों की भी कोई गलती नहीं है| हमारा परिवार तो यही चाहता है की हम सुरक्षित रहें, हमारी जिंदगी में पैसे रहें ताकि हमें कोई दिक्कत नहीं हो और आप अपनी फैमिली की बात मान रहे हो तो आप इस साइड से सही हो|
इन दोनों के बीच में आपका टैलेंट फंसा हुआ रह जाता है और कभी बाहर नहीं निकल पाता तो उस समय रजनीकांत भी उतने प्रेरित नहीं थे और सिर्फ कैजुअली एक्टिंग करते थे यानि मन तो करता था की एक्टिंग करूँ पर ये अपनी नौकरी को ज्यादा गंभीरता से लेते थे|
अपनी हालत को देखकर, इसे भी आप अपनी जिंदगी से रिलेट कर सकते हो| आपका कुछ मन करता है जैसे मैं गेम्स बनाऊ, एप्स बनाऊ, वेबसाइट बनाऊ या एक्टिंग करूँ, डांसिंग करूँ, पेंटिंग करूँ, सिंगर बनू| जो आपका, जो आपका पैशन हो फिर मन में आता है की यार छोड़ो, फैमिली तो यही कहती है की पढ़ाई पर ध्यान दो इसलिए आप पैशन को अंडररेट करके पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने लगते हो|
बिलकुल वैसे ही जैसे रजनीकांत ने शुरुवात में एक्टिंग को कैजुअली लिया था| मैं ये बिलकुल भी नहीं कह रहा की पढ़ाई ख़राब चीज है, न न न, अगर आपका पढ़ने में मन लगता है तो आपको खुद पता होगा यार पढ़ाई आपका पैशन होगा यार|
पर जिन लोगों का पैशन कुछ और है जिनको जिंदगी में कुछ और करने का मन है और कुछ अलग करने का मन है उन लोगों को हमने बोला की आप अपने पैशन को दबा देते हो|
पर जिंदगी हमें एक न एक बार अच्छी दोस्ती का अनुभव करा ही देती है जिस तरह संजू मूवी में कमलेश था बिलकुल उसी तरह इनकी जिंदगी में उस समय राज बहादुर आये, उन्होंने रजनीकांत को समझाया की यार अपने पैशन को फ़ॉलो करो अगर तुम कुछ अलग करना चाहते हो तो जिस काम को करने में तुम्हे अच्छा लगता है वो करो|
राज ने रजनीकांत को ये सलाह दी की तुम मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लो अगर कुछ बड़ा हुआ तो हुआ नहीं तो फिर देखेंगे| राज बहादुर ने इन्हें पैसों के मामले में भी बहुत मदद किया, उस समय के इनके सबसे करीबी दोस्त राज बहादुर ही थे और आज के बात करें तो आज ये रजनीकांत के बेस्ट फ्रेंड के नाम से जाने जाते हैं|
और इसके बाद रजनीकांत ने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट को ज्वाइन कर लिया| राज बहादुर की सलाह और पैसों की मदद से| मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में जो हुआ उससे उनकी लाइफ बदलने वाली थी| कहा जाता है न हीरे की चमक बाकी पत्थरों से स्पष्ट रूप से अलग होती है|
तो इसी हीरे को तमिल फिल्म डायरेक्टर बालचंद्र मेनन जी ने नोटिस किया की ये बंदा कुछ अलग है| उसके बाद उन्ही के चलते इन्हें अलग अलग फिल्म में रोल मिलने लगे| साल 1980 तक रजनीकांत काफी फेमस हो गए थे और लोग उन्हें पहचानने लगे थे और लोग उन्हें इसलिए पसंद करने लगे थे क्योंकि उनकी एक्टिंग जबरदस्त थी|
1990 आते आते रजनीकांत एक सफल एक्टर बन गए थे मतलब एक बड़े एक्टर जिसे एक सुपरस्टार कहा जा सकता है| एक चीज आपने नोटिस किया की इन्होने जब एक्टिंग को गंभीरता से लेना शुरू किया, इंस्टिट्यूट ज्वाइन किया तभी कुछ अलग हुआ|
अगर ये सामान्य रूप से वही बस कंडक्टर का काम ही करते रहते और कभी इंस्टिट्यूट ज्वाइन ही न करते तो क्या ये सुपरस्टार रजनीकांत जन्म लेता ?उसके बाद ही इनकी जिंदगी में वो पल आया जब ये अपनी सफलता को एन्जॉय कर रहे थे पर उनकी जिंदगी में फिर दिक्कतें आईं|
साल 2000 के बाद इनकी बहुत सारी मूवीज फ्लॉप हुईं और इन्हें करोड़ों का नुकसान भी हुआ दूसरे अभिनेताओं की तरह ही|
नुकसान उठाने के बाद भी इन्होने हार नहीं मानी, फ्लॉप फिल्म होते होते साल 2007 में शिवाजी रिलीज़ हुई| उन्हें इस फिल्म से भी कुछ ज्यादा उम्मीद नहीं थी पर इसी साल इस फिल्म ने कमाल कर दिया| इस फिल्म से इन्हें बहुत ज्यादा लोकप्रियता मिली और इन्हें 26 करोड़ की पेमेंट भी मिली और उसी समय वो सबसे अधिक फीस लेने वाले एक्टर्स की सूची में आ गए|
और साल 2010 में रोबोट फिल्म ने भी धूम मचा दिया और इसके लिए उन्हें 45 करोड़ रुपये दिए गए मतलब फ्लॉप मूवी होते होते भी उन्होंने अपनी हिम्मत को बरक़रार रखा और मूवीज करते रहे| मुश्किल समय में अपने आत्मविश्वास को बरक़रार रखना बहुत जरुरी है, हिम्मत नहीं हारना बहुत जरुरी है|
इसलिए आप भी अपनी कला का विकास करो, उस काम को करो जिस काम में आपका नैचुरली मन लगता है|
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आज यानि 12 दिसंबर रजनीकांत साहब का जन्मदिन है Happy Birthday Rajnikanth
हम आपकी लम्बी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं|