हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो सबसे जरूरी काम है| ध्यान दें इस पर, वो है, लोगों के बीच एकता, और एकजुटता को, स्थापित करने का काम है| इससे बड़ा कोई काम नहीं है| लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri Jayanti
Happy Lal Bahadur Shastri Jayanti लाल बहादुर शास्त्री जयंती की, आप सभी को बहुत शुभ कामनाएं| ऐसे महापुरुष, जिस धरा के गोंद में हो, धन्य है वो धरा !
Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi
अगर लोगों को सही लोकतंत्र या स्वराज्य प्राप्त करना है, तो उन्हें असत्य या हिंसा के मार्ग को छोड़ना होगा|
हमारे देश में आर्थिक मसले उठाने बेहद आवश्यक हैं क्योंकि इसी मुद्दे से हम, अपने सबसे बड़े शत्रु, बेरोजगारी और गरीबी से लड़ सकेंगे|
राष्ट्र की शक्ति का मुख्य स्रोत, अनुशासन और सभी को एकजुट होकर कार्य करना है|
हम सभी को अपने अपने क्षेत्रों में उसी उत्साह, समर्पण और संकल्प के साथ कार्य करना होगा, जो एक योद्धा को उसकी युद्धभूमि में प्रोत्साहित करता है| और उसे लड़ने के लिए प्रेरित करता है| हमें इसे केवल बोलने तक जी सीमित न रखकर, उसे वास्तव में करके दिखाना होगा|
जो लोग शासन की कमान संभालते हैं, उन्हें देखना चाहिए की लोग किस प्रकार से प्रशासन पर अपनी प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं| अंततः जनता ही असली मुखिया है|
यदि मैं एक तानाशाह होता तो राष्ट्र और धर्म अलग अलग होते| मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा लेकिन मेरा ये निजी मामला है| अगर राष्ट्र के नजरिये से देखा जाए तो धर्म का इससे कोई लेना देना नहीं है|
राष्ट्र धर्म निरपेक्ष, कल्याण स्वास्थ्य, संचार, विदेशी संबंधों, मुद्रा इत्यादि का ध्यान रखेगा लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं| वो सभी का निजी मामला है|
Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi
भ्रष्टाचार को चिन्हित कर, जड़ से उखाड़ना बेहद ही मुश्किल कार्य है लेकिन अगर हम गंभीरता और दृढ़ संकल्प के साथ भी, इस समस्या का निपटारा नहीं कर सके तो इसका मतलब है की हम अपने मूल कर्तव्यों का अच्छी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं|
हम मात्र अपने राष्ट्र के लिए ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व शांति और उसके शांतिमय प्रगति में विश्वास रखते हैं|
हमारी राष्ट्र के प्रति वफ़ादारी सभी वफादारियों से पहले आती है| और ये ही पूर्ण रूप से वफ़ादारी है क्योंकि इसमें कोई इंतज़ार नहीं करता की बदले में उसे क्या मिलता है|
हमें अपने कानून में विश्वास रखना होगा ताकि इससे हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना सदैव के लिए बरकरार रहे और साथ ही, और भी मजबूत बनती रहे|
स्वतंत्रता की रक्षा करना, सिर्फ सैनिकों का कार्य नहीं है| इसके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र को मजबूत होना होगा|
मेरे हिसाब से प्रशासन की असली सोच यही है की पूरे समाज को एकजुट रखा जाए ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सके|
विज्ञानं और वैज्ञानिक कामो में सफलता, बड़े या असीमित संसाधनों का प्रावधान करने से नहीं मिलती बल्कि यह समस्याओं और उद्देश्यों को, बुद्धिमानी और सतर्कता से, चुनने से मिलती है सबसे बड़ी जो चीज जरूरी है, वो है समर्पण के साथ निरंतर कठोर परिश्रम|
लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध
Lal Bahadur Shastri Essay: लाल बहादुर शास्त्री का योगदान, देश के लिए अहम् है| 6 साल की उम्र से, हिन्दुस्तान की आजादी के संग्राम में, कूदने वाले, लाल बहादुर शास्त्री जी, आजाद हिंदुस्तान में दूसरे प्रधानमंत्री बने|
आज हम आपको Lal Bahadur Shastri Birthday (2nd october) पर, लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर, About lal bahadur shastri biography in hindi में कुछ रोचक बातें बताएँगे, जिसको आप भी, लाल बहादुर शास्त्री भाषण के रूप में प्रयोग कर सकेंगे|
जो आपके लिए जानना, बेहद जरूरी है क्योंकि आज October 2, 2021 लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि, लाल बहादुर शास्त्री जी का 118th Jayanti है –
नैनो में सादगी, लिहाज से बड़े देशी थे, तालीम थी श्रेष्ठ, राष्ट्र भारत के, दूसरे प्रधानमंत्री थे|
Lal Bahadur Shastri information
Lal Bahadur Shastri Photo
लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवनपरिचय Lal Bahadur Shastri ka Jivan Parichay
Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi: आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन Lal Bahadur Shastri birthday भी 2 अक्टूबर को मनाया जाता है|
लाल बहादुर जी लाल बहादुर शास्त्री जी, का जीवन हर नौजवान के लिए, किसी प्रेरणा से कम नहीं है| कैसे कम सुविधाओं के बीच, पढ़ाई पूरी करना, और देश का प्रधानमंत्री बनना, ये कोई मामूली बात नहीं थी|
लाल बहादुर शास्त्री का मुश्किल बचपन
शास्त्री जी ने अपना पूरा जीवन गरीब और असहाय लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया था| शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर को, उत्तर प्रदेश, राज्य के, मुगलसराय जिले में हुआ था|
2 अक्टूबर के दिन ही lal bahadur shastri jayanti है| साल 1904 को जन्मे शास्त्री जी, जब 18 महीने के थे तभी उनके पिता (lal bahadur shastri father name) शारदा प्रसाद का निधन हो गया| इसके बाद इनकी माता राम दुलारी देवी ने इनका पालन पोषण किया|
लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri जी अपने परिवार में सबसे छोटे थे| इस कारण उन्हें सभी प्यार से नन्हे बुलाते थे| लाल बहादुर शास्त्री का बचपन का नाम नन्हे था|
शास्त्री जी ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई अपने ननिहाल से पूरी की और इसके बाद आगे की पढ़ाई हरिश्चंद्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में की|
लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri जी अपने चाचा के यहाँ, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए गए हुए थे| बता दें की लाल बहादुर शास्त्री जी, नंगे पांव ही कई मील की दूरी पर स्थित स्कूल जाया करते थे|
उस भीषण गर्मी में सड़कें तक पिघल जाया करतीं थीं लेकिन शास्त्री जी का पढ़ाई के प्रति जूनून कम नहीं हुआ|
काशी विद्यापीठ में शास्त्री की उपाधि मिलने के बाद, उन्होंने अपने नाम से जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया| सोलह साल की उम्र में शास्त्री जी, साल 1920 में आजादी की लड़ाई में कूद पड़े|
गाँधी जी का साथ (Lal Bahadur Shastri in Hindi)
Lal Bahadur Shastri जी महात्मा गाँधी को अपना गुरु मानते थे|
एक बार उन्होंने कहा था की मेहनत ,प्रार्थना करने के समान है|
शास्त्री जी महात्मा गाँधी की तरह ही विचार रखते थे| वे बापू की सोच से, बेहद ही प्रभावित थे|
गाँधी जी ने, हिंदुस्तान में जब, असहयोग आन्दोलन की शुरुवात करे, तो उन्होंने देशवासियों से, इस आन्दोलन में, शामिल होने का आह्वान किया|
Information About Lal Bahadur Shastri in Hindi
इस समय Lal Bahadur Shastri जी, केवल सोलह साल के हुए थे| गाधीं जी की इस अपील पर, उनके आन्दोलन में शामिल हो गए| और आन्दोलन का एक हिस्सा बनने के कारण, अपनी पढ़ाई, छोड़ देने का फैसला कर लिया|
उनके इस निर्णय से, उनकी माँ की उम्मीदें, टूट गई थीं| साल 1927 में उनका विवाह हो गया, उनकी पत्नी (Lal bahadur shastri wife) का नाम ललिता देवी था| जो उत्तर प्रदेश राज्य के ही, मिर्जापुर जिले से आती थी|
मिर्जापुर और मुगलसराय, उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित, पास पास के जिले हैं| उनका विवाह पूरी तरह से पारंपरिक था और दहेज़ के नाम पर, एक चरखा, और हाथ से बुने गए, कुछ कपड़े ही थे| लाल बहादुर शास्त्री जी दहेज़ में, इससे अधिक कुछ लेने के इच्छुक नहीं थे|
साल 1930 में जब महात्मा गाँधी जी ने, नमक कानून का विरोध करने के लिए, दांडी यात्रा निकाली| उस समय लाल बहादुर शास्त्री जी ने, महात्मा गाँधी के साथ, इस संघर्ष में, उनके साथ रहे|
शास्त्री ने कई क्रन्तिकारी अभियानों का नेतृत्व किया और कुल सात वर्षों तक अंग्रेजों की जेल में रहे| इतने कड़े संघर्षों ने शास्त्री जो को पूरी तरह से परिपक्व बना दिया|
लाल बहादुर शास्त्री जी ने लिया राजनीति में प्रवेश
देश को आजादी मिलने के बाद, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तब तक राष्ट्रीय संग्राम के नेता लोग, शास्त्री जी के स्वाभाव और कार्यशैली से पूरी तरह परिचित हो चुके थे|
1946 में जब कांग्रेस सरकार का गठन किया गया तो शास्त्रीजी को देश के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा गया और उन्हें अपने राज्य उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव बना दिया गया| लाल बहादुर शास्त्री जी ने, जल्दी ही गृहमंत्री का भी पद हासिल कर लिया|
कड़ी मेहनत करने की उनकी क्षमता और दक्षता, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक लोकोक्ति बन गई|
1951 में शास्त्री जी दिल्ली पहुँच गए और केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों में कार्यभार को संभाला जिनमे मुख्य रूप से रेलमंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के कार्य शामिल हैं| शास्त्री से यहाँ तक, बिना विभाग के मंत्री रहे जब नेहरु जी बीमार थे|
लाल बहादुर शास्त्री जी दिया था जब रेलमंत्री पद से दिया इस्तीफा
उनकी प्रतिष्ठा के स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी | एक रेल दुर्घटना के दौरान, जिसमे कई लोगों के मरने की खबर आई तो शास्त्री जी इस दुर्घटना के पीछे स्वयं को कसूरवार ठहराते हुए , रेलमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था|
उनके इस फैसले से पूरा देश और संसद के लोग काफी प्रभावित हुए और उनकी इस पहल को काफी सराहा भी गया |
तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने, इस रेल दुर्घटना पर संसद में बोलते हुए लाल बहादुर शास्त्री के उच्च आदर्शों और इमानदारी की बहुत प्रशंसा की|
उन्होंने कहा की लाल बहादुर शास्त्री जी इस्तीफा का इसलिए नहीं स्वीकार किया गया की वे इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं बल्कि इसलिए स्वीकार किया गया की इससे संवैधानिक मर्यादा में मिशाल कायम होगी |
लाल बहादुर शास्त्री जी थे हरित क्रांति के जनक
हिंदुस्तान में लाल बहादुर शास्त्री की वजह से ही सफ़ेद और हरित क्रांति आई| शास्त्री जी हरित आन्दोलन से पूरी तरह से जुड़े थे और उन्होंने अपने आवास के लॉन में भी, खेती शुरू कर दिया था|
उन्हें जितना, देश के जवान पसंद थे| उतना ही किसान भी पसंद थे, इसी कारण उन्होंने (lal bahadur shastri slogan) ” जय जवान जय किसान ” का नारा दिया| lal bahadur shastri wikipedia
Lal Bahadur Shastri: देश के दूसरे प्रधान मंत्री
1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri प्रधानमंत्री बने तो उसके अगले ही साल यानी साल 1965 में भारत और पकिस्तान के बीच युद्ध हो गया|
देश में भयंकर सूखा भी पड़ा| इस संकट को टालने के लिए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास करने की अपील की| शास्त्री जी की छवि ऐसी थी की पूरे देश ने उनके इस फैसले का मान भी रखा| इसी मौके पर देश की कृषि आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया था|
महात्मा गांधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी आज भारत की संस्कृति की, एक श्रेष्ठ पहचान हैं|
निष्कर्ष
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