Who is the Owner of Paytm Life Success Story in Hindi
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PayTm के संस्थापक, मालिक की सफलता की कहानी |
प्रायः हिंदी मीडियम से पढ़े हुए लोगों की, ये शिकायत होती है की, इंग्लिश न आने की वजह से हम अपनी जिंदगी में असफल हो गए|
लेकिन जिनके इरादे फौलादी हों, सीने में जूनून हो और दिमाग में कुछ नया करने की अभिलाषा हो, तो वो अज्ञानता का बहाना नहीं बताता|
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Paytm Owner
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Who is the Owner of Paytm, Motivational Life Success Story in Hindi, One97 Founder, businessman Vijay Shekhar Sharma
हममें से जो लोग रिटेलर के पास जाने से ज्यादा, घर बैठकर ऑनलाइन रिचार्ज, पैसे ट्रान्सफर और खरीददारी को ज्यादा पसंद करते हैं|
वो लोग कभी न कभी एक बार Paytm Use किया ही होगा और इसलिए अब गूगल Playstore में, 100 मिलियन+ डाउनलोड्स के साथ Paytm, अब India की Most Downloaded, Payment App बन चुकी है|
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Paytm Android Payment App |
Paytm Ownership रखने वाले इंसान की Success Story
बचपन से ही एक हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ने वाला, मिडिल क्लास परिवार का, एक लड़का, एक वक़्त पेट भरकर, खाना खाने के लिए, जिसके पास पैसे नहीं होते थे|
वो लड़का पूरे इंडियन मार्केट में, बिलकुल एक नये आईडिया को, कैसे इतना Successful बनाने में कामयाब हुआ|
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Vijay Shekhar Sharma with his Wife |
उस विजय शेखर शर्मा की सक्सेस स्टोरी, आज हम आपको, इस आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहें हैं, तो चलिए शुरू करते हैं, उनका परिचय…
Owner of Paytm: बायोग्राफी
इस जिनिअस बिज़नेस मैन का जन्म 8 जुलाई 1973 को, उत्तर प्रदेश के अलीगढ शहर में हुआ था| उनका जिनिअस इंटेलिजेंस नजर आने पर, एक स्पेशल Permission के जरिये, सिर्फ पंद्रह साल की उम्र में ही Delhi College of Engineering में, एडमिशन लेने का मौका मिला|
बाकी के हिंदी मीडियम स्कूल के बच्चों की तरह ही इंजीनियरिंग कॉलेज में आने के बाद, इंग्लिश में Professors का लेक्चर समझने में, विजय को भी बहुत दिक्कत होती थी|
कॉलेज में Professors उनके, अगर इंग्लिश में कोई सवाल करते थे, तो वो चुपचाप खड़े रहते थे| इंग्लिश ठीक से न बोल पाने की वजह से, उनके क्लास मेट्स भी उनको लेकर मजाक करते थे|
इसी वजह से, वो क्लास में जाने का इंटरेस्ट, धीरे धीरे खोने लगते हैं| इसलिए कॉलेज में जाकर, वो ज्यादातर वक़्त लाइब्रेरी में, तरह तरह की इंग्लिश बुक्स और सक्सेस स्टोरी पढ़कर अपना वक़्त बिताते थे|
तरह तरह की सक्सेस स्टोरी पढ़कर, एक चीज उन्हें अच्छी तरह समझ आ गई थी की जीवन में, अगर कुछ बड़ा करना है तो, उन्हें खुद को ही अपने जीवन का बॉस बनना पड़ेगा|
इसलिए कॉलेज में, सिर्फ कंप्यूटर क्लासेज से वो कोडिंग करना, सीखना शुरू करते हैं| कुछ दिनों के अन्दर ही, वो और उनका एक दोस्त मिलकर indiasite.net नाम की एक वेबसाइट डेवेलोप करते हैं जो बेसिकली एक सर्च इंजिन था|
दो साल बाद, एक अमेरिकन कम्पनी वो वेबसाइट, उनसे खरीद लेती है| इसके बाद, विजय काफी सारे प्रोजेक्ट्स पर काम करते रहे और एक साल बाद वो अपनी खुद की कम्पनी खोलने के लिए, पर्याप्त पैसे जमा कर लेते हैं और सन 2000 में वो अपनी One97 Communications नाम की एक कम्पनी, शुरू करते हैं|
One97 Communications बेसिकली People Search Facility प्रोवाइड करती थी, मतलब कोई अगर जानना चाहे की, उनको कौन कॉल कर रहा है, तो उनको वो नंबर One97 Communications कम्पनी को भेजना पड़ता था|
और कम्पनी, उस नंबर के owner की डिटेल, रिप्लाई करके भेज देती थी लेकिन One97 Communications को चलाने के लिए, विजय की सेविंग्स कम पड़ने लगी, तो कम्पनी को चलाने के लिए फिर उन्होंने Higher रेट्स of इंटरेस्ट 24% तक, उन्होंने लोन लिया |
Paytm, One97 Communications नाम की कम्पनी, का एक ब्रांड है और आज से कुछ साल पहले, One97 मार्केट में, कॉल्स और संदेशो के माध्यम से, लोगों तक Information सूचनायें पहुँचाने का काम करती थी|
2003 और 2004 के बीच Paytm के CE.O., विजय शेखर शर्मा, Owner of Paytm, बहुत ही कम, अपने घर पर दिखाई देने लगे थे क्योंकि जैसे जैसे उनकी कम्पनी One97 Communications बड़ी होती चली जा रही थी, वैसे ही उसके सर्वर और टीम के भी खर्चे बढ़ते चले जा रहे थे|
विजय ने फिर अपनी कम्पनी Sustain करने के लिए, बैंक से लोन, उठाने शुरू कर दिए और कुछ समय बाद उन्होंने, Higher Rates of Interest पर भी लोन उठाया बाद में| उस समय जो भी पैसा One97, Earn करती वो पैसा लोन का ब्याज अदा करने में, किराया अदा करने में और कर्मचारियों के वेतन में ही निकल जाता|
विजय खुद के लिए इतने पैसे भी नहीं बचा पा रहे थे की अपने घर का किराया अदा कर सकें तो वो जानबूझकर आधी रात को घर में घुसते थे और सुबह, सूरज उगने के पहले निकल भी लिया करते थे ताकि उन्हें अपने मकान मालिक का सामना न करना पड़े|
उनके मकान मालिक एक औसत अमीर इंसान थे और वो उन्हें बैठाकर समझाया भी करते थे की, कम से कम अपने घर का किराया तो बचा लिया करो ,बेटा !
हर महीने के साथ, विजय की आर्थिक स्थिति, बिगड़ती ही चली जा रही थी और एक समय ऐसा आया की, उनके पास खाने के लिए, पैसे नहीं बचे थे इसलिए वो कभी कभार अपने दोस्तों के घर चले जाया करते थे ताकि उन्हें वहाँ कम से कम, कुछ खाने पीने के लिए मिल सके|
दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल के पास, आधी रात को एक पराठे वाला बैठता था जो सबसे कम दाम पर खाना देता था|
कई महीनो तक, विजय ने उसके पास ही खाना खाकर, अपना पेट भरा| विजय ने फिर पार्ट टाइम कई, छोटी मोटी कम्पनियों में Consultancy और ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया| उनको ज्यादा से ज्यादा, एक दिन ट्रेनिंग देने के हजार रुपये मिल जाया करते थे|
जहाँ उनकी टीम One97 के ऑपरेशन, संभाल रही थी, वहीँ वो दूसरी तरफ, कुछ कंपनीज की वेबसाइटस बना रहे थे, ताकि कम से कम अपने खर्चे उठा पाएं|
एक दिन किसी कम्पनी को कंसल्टेंसी देते वक़्त, विजय यानि Owner of Paytm की मुलाकात पियूष अग्रवाल से हुई जिसको, अपनी कम्पनी के सॉफ्टवेयर में, विजय शेखर की मदद चाहिये थी और यहाँ अब विजय के काम ने, पियूष की कम्पनी के, अच्छे खासे फायदे करवा दिए|
पियूष ने फिर विजय को अपनी कम्पनी में, सी.ई.ओ की जॉब ऑफर करी पर विजय ने वो, ऑफर ये कहकर ठुकरा दिया बॉस, मेरी खुद की कम्पनी है जिसे मुझे किसी भी हाल में चलाना है|
इन सब चक्करों के बीच, विजय के घर से, उसकी शादी के लिए बहुत दबाव आने लगा|
परिवार वाले Literaly, विजय पर दबाव डाल रहे थे की वो अपनी कम्पनी बंद करे और एक अच्छी सी नौकरी कर ले| अपने घर वालों को निराश देखकर, विजय की आँखों में आंसू आ गए|
विजय ने फिर एक, बीच का रास्ता निकाला और फिर उसने पियूष को, एप्रोच किया और कहा की मैं रोज तुम्हारी कम्पनी, आधा दिन सम्भालूँगा और आधा दिन मुझे अपनी कम्पनी, सँभालने के लिए चाहिए और इसके मैं 30000 प्रति महीने सैलरी लूँगा|
पियूष को इतने सस्ते में, इतना अच्छा सी.ई.ओ और कहीं नहीं मिल सकता था, वो ख़ुशी ख़ुशी मान गया और वास्तव में उसने अपनी ऑफिस में ही Arrangements करके, विजय का ऑफिस भी, वहाँ सेट करवा दिया ताकि वो दोनों, कॉम्पनिज़ को बराबर समय दे सके|
फिर एक दिन पियूष ने विजय के साथ बैठकर, विजय की कम्पनी और विजय के काम को समझा की, वो कैसे कॉल्स और टेक्स्ट के जरिये, लोगों तक अपना कंटेंट पहुँचाते थे|
तब तक विजय की कम्पनी भी, थोड़ी स्टेबल हो चुकी थी और फिर विजय ने पियूष से, आठ लाख रुपये उधार मांगे अपना बैंक लोन चुकाने के लिए !
पियूष ने विजय को लोन न देकर, वो आठ लाख रुपये विजय की कम्पनी में, इन्वेस्ट कर दिए और One97 की 40% Ownership खरीद ली|
फिर कुछ समय बाद One97 Communications कम्पनी ने, Paytm लांच किया – Pay Through Mobile System और फिर विजय के हालात बदलने में ज्यादा दिन नहीं लगे|
कुछ समय पहले ही पियूष ने अपने, Paytm के शेयर 87 करोड़ में निकाल दिए थे और आज रतन टाटा और अलीबाबा के फाउंडर जैकमा, जैसे लोग Paytm के Investers हैं|
आज की दिनांक में, विजय Owner of Paytm ने, पियूष की ऑफिस की वो पूरी बिल्डिंग ही खरीद रखी है, Paytm को ऑपरेट करने के लिए|
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