Inspirational Story with Moral in Hindi Zion Clark Biography
दोस्तों जब बात आती है Inspirational Stories की तो, उनके पीछे हमेशा, छुपा होता है सफल लोगों Motivational (Story Zion Clark Biograpphy) का बेइन्तहां संघर्ष और ये श्रृंखला ऐसी है जो कभी समाप्त ही नहीं होती है क्योंकि हर बार, कोई नया दुनिया के सामने आता है और सबको प्रेरणा दे जाता है|
तो आज हम लायें Hindiaup.com पर एक ऐसी ही Motivational story, तो दोस्तों इस Success Story को आखिरी तक जरूर पढ़ने की कोशिश करें| Zion Clark Story in Hindi
Zion Clark एक 24 साल के प्रेरणादायक वक्ता हैं| धरती पर जिसका आगमन हुआ दोनों पांव के बगैर|
इतनी बड़ी असमर्थता होने के बाद में इन्होने ऐसा कारनामा किया है जो आपको बड़ी उर्जा प्रदान करेगा|
एक ऐसा इंसान जिसकी कहानी जानकर आपकी आँखों में आंसू आ जायेंगे| और Zion Clark आज पूरे विश्व के लोगों के लिए, एक मिशाल बन चुके हैं| उन्होंने बिना अपनी टांगों के, सिर्फ जीना ही नहीं सीखा बल्कि, एक जाने माने प्रो रेसलर भी बन गए|
ये inspirational story hindi है एक 24 साल के अफ्रीकन अमेरिकन boxer की| जिसका पृथ्वी पर जन्म हुआ आधे शरीर के साथ|जी हाँ, हमारी आज कीInspirational Storyके हीरो का नाम है– Zion Clark- The Man without Legs
इसी अपंगता के साथ Zion Clark ने, अपने दोनों हाथों से दौड़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया| साल 2021 में सितम्बर ये प्रतियोगिता हुई थी| 20 मीटर की इस दौड़ को, महज 4.78 सेकंड में Zion Clark ने पूरा किया है|
Zion Clark आज दुनिया के सामने एक प्रो रेसलर, मोटिवेशनल स्पीकर, उद्यमी, एक्टर और लेखक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं| स्कूल पढ़ाई के समय से ही, zion clark को बॉक्सिंग करने में बेहद रूचि हुआ करती थी |
महज 6 साल की उम्र से ही इन्होने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था| और बॉडी बिल्डिंग और म्यूजिक से भी Zion Clark को बेहद लगाव है| इसलिए वो ड्रम भी बहुत अच्छा बजाते हैं|
Zion Clark लॉस एंजिल्स में रहते हैं | 10 अगस्त साल 2018 को, Netflix ने, ज़िओन क्लार्क की, अब तक की जिंदगी पर, एक छोटी documentory फिल्म ” Zion” रिलीज़ किया है|
Zion Clark ने एक किताब भी रिलीज़ कर चुके हैं | और जिसका नाम है – ZION Unmatched
Inspirational Zion Clark Biography in Hindi
जब इन्होने जन्म लिया तो, जन्म से ही एक भयानक बीमारी ने, इनका साथ पकड़ लिया जिसका नाम था- Caudal Regression Syndrome और इसी विकार के कारण उनके पास, उनके दोनों पैर नहीं थे|
लेकिन फिर भी ये इंसान हिम्मत नहीं हारा और आज हम सबके बीच एक चमकते हुए सितारे की तरह चमक रहा है|
ज़िओन क्लार्क का मानना है की चाहे हालात कैसे भी हों, लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता|
बायोग्राफी ऑफ़ ज़िओन क्लार्क Zion Clark Biography in Hindi
दोस्तों ज़िओन क्लार्क का जन्म, 29 सितम्बर 1997 को कोलम्बस में हुआ था और पैदा होते ही इन्हें, गोद लेने की प्रक्रिया के लिए, भेज दिया गया क्योंकि इनके माता पिता, इनका लालन पालन करने में असमर्थ थे| संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो में पैदा हुए zion क्लार्क को बचपन से ही समस्याओं ने अपना दोस्त बना लिया था|
ज़िओन क्लार्क zion clark को कई बार गोद लिया गया
ज़िओन क्लार्क की जिंदगी में, उनको गोद लिए जाने की घटना, कई बार घटित हुई| एक घर से दूसरे घर और इसी के चलते, एक स्कूल से फिर दूसरे स्कूल, उन्हें जो अपना सके, ऐसा परिवार, मिला ही नहीं तो, स्कूल भी बदलते गए, घर भी बदलते गए लेकिन जो नहीं बदली, वो थी ज़िओन क्लार्क की रेसलिंग करने की आदत|
एक स्थाई घर परिवार खोजने की उनकी यात्रा उस वक़्त समाप्त हुई जब Kimberlee Hawkins नाम की एक महिला ने इन्हें गोद लिया |किसी को माँ कहने का सपना भी साकार हुआ पूरे 18 साल गुजारने के बाद|
3 फीट 2 इंच की शारीरिक लम्बाई वाले zion clark का वजन 56 किलोग्राम है| अपने आशावादी स्वाभाव के चलते zion clark ने बड़ी विकट विकट परिस्थितियाँ को भी मात दे डाली | जीवन के शुरुवाती सालों में इन्हें मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित किया गया| और तो और इन्हें भर पेट भोजन भी नहीं दिया जाता था |
Zion Clark का करियर (An inspirational story for kids)
जब ज़िओन क्लार्क दो साल के ही हुए थे तभी से उन्होंने, अपना ज्यादातर समय, रेसलिंग को दिया| जब वो दूसरी क्लास में पहुंचे तब उनके आर्ट के टीचर जोकि एक रेसलिंग कोच भी थे, उन्होंने ही ज़िओन क्लार्क को खेल में हिस्सा लेने को बोला और तब से ही, रेसलिंग ने, ज़िओन क्लार्क की जिंदगी में, अपनी जगह बना लिया|
Zion Clark ने दूसरी क्लास से की रेसलिंग की शुरुवात
नार्थ ईस्ट ऑहियो के Massillon Washington high School में, अपनी पढ़ाई के दौरान ज़िओन क्लार्क, स्कूल की रेसलिंग टीम का हिस्सा बन गए| वो अपने शुरुवाती सालों के, सारे गेम्स में, हार गए फिर उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को और सख्त कर दिया और वो अपने बाद के सालों में, चैंपियनशिप के सेमीफाइनल तक पहुँच गए हालाँकि उनको इस सेमीफाइनल में जीत हासिल नहीं हुई लेकिन अपनी मेहनत और लगन के कारण वो पूरे देश में प्रसिद्द हो गए|
एक पैरालंपिक अधिकारी के प्रोत्साहन की मदद से, zion clark ने व्हीलचेयर रेसिंग करने की चुनौती को भी स्वीकार किया| और ओहियो के सबसे तेज़ व्हीलचेयर रनर बनते हुए साल 2016 में, 100 मीटर और 400 मीटर की रेस में स्टेट अवार्ड अपने नाम किया | 800 मीटर की रेस में, Zion Clark को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था |
Zion Clark का काफी मज़ाक भी बनाया गया
लोगों ने खूब मज़ाक भी बनाया उनका लेकिन ज़िओन क्लार्क ने, अपनी जिंदगी में आने वाली हर मुश्किल परिस्थितियों को, मात दे डाली और बेपरवाह होकर सिर्फ अपने लक्ष्यों पर ही, अपना ध्यान केन्द्रित किया|
अपने एक इंटरव्यू में ज़िओन ने बताया की – ” लोग मेरा मजाक बनाया करते थे क्योंकि मेरे पास टांगे नहीं थीं| ईर्ष्या रखने वालों से निपटने का सबसे अच्छा फार्मूला ये है की, नफरत का प्रयोग, स्वयं को ऊपर उठाने के लिए किया जाए, आपके सबसे बड़े प्रशंसक, आपसे नफरत करने वाले ही होते हैं, इसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करें ” |
2015 में Zion Clark को मिली एक बहुत प्यार करने वाली माँ
साल 2015 में ज़िओन क्लार्क को, Kimberlee Hawkins ने गोद ले लिया, तब से Hawkins परिवार, ज़िओन क्लार्क को जिस भी चीज की आवश्यकता पड़ी, वो सब दिया| किम्बर्ली भी भगवान से पुत्र की प्रार्थना कर रही थी, आज वो दो बच्चों की माँ हैं|
ज़िओन खुद, अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं की, उनका पालन करने वाली, अपनी माँ किम्बर्ली को, वो बहुत प्यार करते हैं और अपनी उस माँ के लिए उनके दिल में बेहद सम्मान है जिनके हमेशा साथ खड़े रहने के कारण ही, उन्होंने सफलता प्राप्त की|
अब ज़िओन क्लार्क के पास भी अपना परिवार बन चुका था|
इसके बाद ज़िओन क्लार्क ने कैलिफ़ोर्निया में हुए Paralympic Nationals में भाग लिया, जहाँ उनके लिए विशेष रूप से डिजाईन की गई कुर्सी की मदद से, वो रेस में दौड़े|
और वो साल 2016 में, ऑहियो की 100 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में, सबसे तेज़ दौड़ने वाले धावक बने और 800 मीटर की दौड़ में, वो तीसरे नंबर पर पहुँच कर विजयी हुए|
फिलहाल ज़िओन क्लार्क, Kent State University से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हैं और साथ ही वह, अपनी रेसलिंग की प्रैक्टिस, रोज करते हैं|
ज़िओन क्लार्क एक और बात के लिए बड़े पोपुलर हो चुके हैं वो है – उनकी पीठ पर No Excuses का टैटू जिसका अर्थ है की इंसान को अपनी जिंदगी से कोई भी शिकवा गिला नहीं करना चाहिए| इस बन्दे ने कभी भी अपनी कमजोरियों को अपने ऊपर प्रभावी नहीं होने दिया |
बस आपको अपने जुनून की खोज करनी है और उसका पीछा करना| ये काम आपके लिए कोई और नहीं करने वाला है |
चाहे हालात कैसे भी हों, लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता|
ईर्ष्या रखने वालों से निपटने का सबसे अच्छा फार्मूला ये है की, नफरत का प्रयोग, स्वयं को ऊपर उठाने के लिए किया जाए, आपके सबसे बड़े प्रशंसक, आपसे नफरत करने वाले ही होते हैं, इसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करें ”
ज़िओन क्लार्क का मानना है की चाहे हालात कैसे भी हों, लेकिन मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता|
Inspirational story of Zion Clark with moral
ज़िओन क्लार्क की Inspirational Story (Zion Clark Story in Hindi)ये सिखाती है की, अगर आप अपनी जिंदगी में, कुछ हासिल करना चाहते हो तो, इस दुनिया में, ऐसा कुछ उपलब्ध नहीं है, जो आपको रोक सके|
तो दोस्तों इनकी Zion Clark Story in HindiInspirational Story हमें सिखाती है की, हमें उस पर ध्यान देना चाहिए जो हमारे पास है और उसी के साथ, आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि, वही वह अमूल्य चीज है, जो आपको सफलता दिला सकती है|
आपने देखा होगा की अक्सर लोग छोटी छोटी बातों को लेकर हार मान जाते हैं | लेकिन इस व्यक्ति ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया|
कुछ लोग पूरी जिंदगी दुखी होते रहते हैं उन चीजों के बारे में सोचकर जो वो प्राप्त नहीं कर पाए| लेकिन इस आपाधापी में वो ये भूल जाते हैं की ऊपर वाले ने ही उनको भी बनाया है| आप भी स्पेशल हैं, और किसी खास मकसद से इस धरती पर जन्म लिया है| हममे से ही कुछ लोग ऐसे होते हैं की उनके पास जो कुछ भी होता है, उसी को अपनी ताकत बना लेते हैं |
जैसे इस व्यक्ति ने अपने आधे शरीर से पूरी दुनिया को अपने सामने झुका दिया |
हमें उम्मीद है की आपको आज की कहानी जरूर पसंद आई होगी और इसे कृपा करके अधिक से अधिक लोगों के बीच शेयर करे, धन्यवाद|