दुनिया भर में निर्मित सुन्दर और प्राचीन इमारतों को संरक्षण प्रदान करने के लिए इस दिन की शुरुवात हुई| लोगों में इसके प्रति जागरूकता जगाने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय विरासत दिवस मनाया जाता है| ये है मुख्य वजह Why World Heritage Day is Celebrated?
हर साल 18 अप्रैल को World Heritage Day को पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है|
ऐतिहासिक धरोहरों को संजोकर रखने के लिए चुनिन्दा इमारतों को UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट का दर्जा दिया गया| साल 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में 1121 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं जोकि 167 देशों में विराजमान हैं|
चाईना और इटली में सबसे ज्यादा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं, जिनकी कुल संख्या 55 हैं| मात्र 6 ही ऐसे देश हैं जहाँ 40 से ज्यादा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं| इन देशों में भारत, चाईना, इटली, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस शुमार हैं|
विश्व की सबसे बड़ी विरासत
इस दुनिया का सबसे बड़ा वर्ल्ड हेरिटेज साइट् PIPA ( The Phoenix Island Protected Area ) जोकि ओशिनिया के एक देश किरिबाती में स्थित है| ये तक़रीबन चार लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है|
विश्व की सबसे छोटी विरासत
अगर बात करें इस दुनिया का सबसे छोटा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की तो वो है Czeck Republic में स्थित Holy Trinity Column जोकि सिर्फ 200 वर्ग मीटर में ही फैला है|
ऐसा भी एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट् है जिसका विस्तार दस देशों में हैं| इसका नाम Struve Geodetic Arc है| बेलारूस, एस्टोनिया, फ़िनलैंड, लाटविया, लिथुआनिया, नॉर्वे, माल्दोवा, रूस, स्वीडन और उक्रेन में Struve Geodetic Arc फैला है|
एक और रोचक तथ्य वेटिकन सिटी जोकि दुनिया का सबसे छोटा देश है, ये खुद ही एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट् है| यानि की ये पूरे का पूरा देश ही वर्ल्ड हेरिटेज साइट् है|
16 नवम्बर साल 1972 को उनेस्को ने World Heritage Convention को अपनाया| इस कन्वेंशन का लक्ष्य दुनिया भर के ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा के लिए सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है| अभी तक कुल 187 राष्ट्र इस कन्वेंशन के सदस्य हैं|
एक बात यहाँ ध्यान देने वाली ये भी है की 26 देश ऐसे भी हैं जिन्होंने इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर तो किये हैं पर उनके खुद के देश में एक भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट् नहीं है |
World Heritage Day is Celebrated?
देश जहाँ एक भी विश्व धरोहर नहीं
इन 26 देशों के नाम हैं – Bahamas, Brunei darussalam, Bhutan, Burundi, Cook Islands, Comoros, Djibouti, Eswatini ( Currently Swaziland), Equatorial Guinea, Grenada, Guyana, Guinea-Bissau, Kuwait, Maldives, Liberia, Monaco, Rwanda, Niue, Samoa, Saint Vincent and the Grenadines, Timor-Leste, Sierra Leone, Sao Tome & Principe, South Sudan, Tonga and Trinidad and Tobago.
डेंजर लिस्ट में शामिल विश्व धरोहरें
पूरे विश्व में अभी कुल 53 धरोहर ऐसी हैं जो वर्ल्ड हेरिटेज इन डेंजर की सूची में अपना नाम अंकित करवा चुकी हैं| इसमें से 21 अरब देशों में है एयर 16 अफ्रीका में हैं| 6 लैटिन अमेरिका और कॅरीबीयन में हैं और 6 ही एशिया और द पैसिफिक में भी हैं| 4 यूरोप और नार्थ अमेरिका में हैं|
विश्व धरोहरों के प्रकार
विश्व में 3 तरह की हेरिटेज साइट् होती है- सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक धरोहर और मिश्रित धरोहर
History of World Heritage Day
वर्ल्ड हेरिटेज डे का इतिहास
फ़्रांस की International Council on Monuments and Sites (ICOMOS) नामक संस्था ने पुरानी धरोहरों से लोगों को जागरूक करने के लिए साल 1982 में इस दिन को मनाने का सुझाव दिया था|
और आगे चलकर साल 1983 में UNESCO ने अपने 22वें सम्मेलन में वर्ल्ड हेरिटेज डे को मान्यता दे दिया| दुनिया में पहली बार 18 अप्रैल साल 1982 ट्यूनिशिया में वर्ल्ड हेरिटेज डे को मनाया गया था|
वर्ष 2022 वर्ल्ड हेरिटेज डे की थीम
इस साल विश्व विरासत दिवस को मनाई जानी वाली थीम पर्यावरण और धरोहरें हैं| ICOMOS की सभी सरकारी, निजी और तमाम अन्य संस्थाओं से अपील है की उनके सारे कार्यक्रम इसी थीम से सम्बन्ध रखकर ही संचालित हों | इस साल की थीम धरोहरों की सुरक्षा के लिए जलवायु को भी प्राथमिकता देना है|
भारत की 40 वीं धरोहर
पूरे विश्मेंव में कई ऐसी विरासत हैं जो बहुत पोपुलर हैं| हिंदुस्तान के सन्दर्भ में यदि धरोहरों की बात होती है तो यूनेस्को ने भारत में कुल 40 धरोहरों को विश्व धरोहर घोषित किया है| इन में 7 धरोहर का निर्माण तो प्राकृतिक तौर पर हुआ है| और 32 धरोहर वो हैं जिनमें सांस्कृतिक छाप देखने को मिलती है|
भारत के महाराष्ट्र राज्य में मौजूद अंजता एलोरा की गुफाओं को यूनेस्को ने सर्वप्रथम विश्व धरोहर घोषित किया था| इसी प्रकार चालीसवीं विरासत की बात की जाये तो वो गुजरात का धोलावीरा शहर (हड़प्पा सभ्यता) है|
भारतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का स्वयं इस बारे में ट्वीट है- “इस खबर से मैं बेहद खुश हूं, धोलावीरा एक मुख्य जीवन स्थान था और ये हमें अपने इतिहास के संग जोड़कर रखने वाले सबसे प्रमुख जगहों में से हैं| जिनका भी संस्कृति, इतिहास और प्राचीन चीजों में रुचि है, उन्हें यह स्थान जरूर देखना चाहिए.”
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विश्व विरासतें मौजूद
महाराष्ट्र वो स्टेट जहां सबसे अधिक विरासतें विद्यमान हैं| यूनेस्को ने महाराष्ट्र के पांच धरोहरों को विश्व धरोहर के रूप में घोषित कर चुका है|.
आगरा का किला, ताजमहल, गुजरात की रानी की वाव, अजंता- एलोरा की गुफाएं, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, नालंदा विश्वविद्यालय, राजस्थान का किला, कंचनजंघा पुष्प उद्यान, काजीरंगा अभयारण्य, अहमदाबाद शहर, महाबलीपुरम सूर्य मंदिर कोणार्क, केवलादेव उद्यान, भीमबैठका, हिमालयन रेल, कुतुब मीनार, महाबोधि मंदिर, हम्पी, मानस अभयारण्य, गोवा के चर्च, फतेहपुर सीकरी, चंपानेर पावागढ़, जयपुर का जंतर मंतर, दिल्ली का लाल किला, चोल मंदिर, पट्टादकल, खजुराहो मंदिर, एलिफेंटा की गुफाएं सुंदरबन, हुमायूं का मकबरा नंदा देवी का पुष्प उद्यान शुमार है।
निष्कर्ष : World Heritage Day
जरूरी है की इन तरह की ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखा जाए| इन संरचनाओं को उस समय के सर्वोत्तम प्रतिभाओं ने बड़ी मेहनत और बारीकी से बनाया है| और उनकी इन विरासतों को सुरक्षित रखना हमारा परम कर्त्तव्य है|
विश्व धरोहर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हमारी ऐतिहासिक धरोहरों से ही ज्ञात होता है मानव इतिहास कितना पुराना है| विश्व में कितनी ऐसे हैरान करने वाली विरासतें हैं जिसको संजोकर रखना और आने वाली पीढ़ियों को इनके महत्व से रूबरू कराना है|
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर
विश्व विरासत दिवस कब मनाया जाता है?
18 अप्रैल को विश्व विरासत दिन मनाया जाता है |
विश्व विरासत दिवस क्यों मनाते हैं ?
लोगों में विश्व धरोहरों को संरक्षण प्रदान करने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय विरासत दिवस मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का एक उद्देश्य लोगों में इन धरोहरों के प्रति जागरूकता पैदा करना भी है|
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