kathavachak chinmyanand bapu ke anmol vichar

kathavachak chinmyanand bapu ke anmol vichar

1- रिश्ते कायम रखने की केवल एक ही शर्त है, किसी की बुराईयों की बजाय उनकी अच्छाईयाँ देखें|
2- पसन्द उन्हें करिए, जो आप में बदलाव लाए, वरना प्रभावित तो, मदारी भी कर लेते हैं|


3- रिश्तों की कभी प्राकृतिक मौत नहीं होती| मनुष्य स्वयं उनका कत्ल करता है! कभी नजरअंदाज करके, कभी विश्वासघात करके, और कभी गलतफहमी में|
4- अच्छे इंसान को समझने के लिए अच्छा दिल चाहिये न कि अच्छा दिमाग, क्योंकि दिमाग सदैव तर्क करता है और दिल हमेशा प्रेम देखता है “
5- चरित्र एक वृक्ष है और यश, प्रतिष्ठा, सम्मान उसकी छाया हैं परन्तु विडम्बना ये है कि वृक्ष का ख्याल बहुत कम व्यक्ति करते हैं और छाया सभी को चाहिए|
6- अतीत सन्दर्भ की जगह है, निवास की जगह नहीं, अतीत सीखने का स्थान है, जीवन जीने का स्थान नहीं|
7- अपने सपनों की जिन्दगी जियो| दूसरों की अपेक्षाओं और विचारों के बजाय अपने उद्देश्य और दृष्टि के अनुरूप अपने सपनों की जिन्दगी जीने के लिए पर्याप्त वीर बनो “
8- जो मनुष्य कभी हार नहीं मानता, कुछ भी उसे पराजित नहीं कर सकता|
9- प्यार और दया भरे शब्द छोटे हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी गूँज, अनन्त होती है|
10- उड़ना बुरा नहीं है, आप भी उड़िए! परन्तु उतना ही जहाँ से धरती साफ दिखाई देती हो|
11- मूर्ख गैरों पर हँसते हैं, बुद्धिमान स्वयं पर |
12- जीवन में कभी भी इतनी गलतियाँ मत करना की, पेंसिल से पहले रबर घिस जाये और रबर का प्रयोग इतना न करना की, जीवन का पेज ही मिट जाये|
13- अपनी प्रसन्नता के लिए किसी और पर निर्भर न रहिये| स्वयं की प्रसन्नता की जिम्मेदारी लीजिये, इसे दूसरों के हाथों में बिल्कुल न दीजिये|
14- किसी की कमी खोजने वाले मनुष्य की मिसाल उस ’मक्खी’ के जैसी है, जो पूरे सुन्दर शरीर को छोड़कर, जख्म पर ही बैठती है|
15- जीवन यही है, जो हम अभी जी रहे हैं| आगे जो जियेंगे, वो उम्मीद है|
16- अगर आप आज कुछ करने की ठान लें तो उसे करें, क्योंकि अब से 20 वर्ष पश्चात, आप उन चीजों से अधिक निराश होंगे, जो आपने नहीं की|
17- मन की आशंकाओं से न घिरे रहिये, अपने ह्रदय में सपनों का नेतृत्व करिए|
18- आप जब अपनी हार को चुनौती देने लगते हैं, तब आपको जीत दर्ज करने से कोई नहीं रोक सकता है|
19- चुनौतियाँ जीवन को रुचिकर बनाती हैं और जो इनपर काबू प्राप्त कर लेता है, वो अपनी जिन्दगी को सार्थक बना लेता है|
20- जीवन में कभी ठहरना नहीं चाहिये, संकटों का सामना करते रहना चाहिये| कोई भी काम शुरू करने से पहले, असम्भव और मुश्किल लगता है, लेकिन प्रयास करते रहने से, आसान लगने लगता है|
21- अपनी क्षमताओं को हमेशा बढ़ाते रहिये क्योंकि जो उपलब्धियाँ आज तक हमने पाई है, उससे कहीं अधिक हम प्राप्त कर सकते हैं|
22- श्रेष्ठ दिमाग विचारों पर बात करता है, औसत दिमाग घटनाओं की बात करता है और छोटा दिमाग लोगों की बात करता है|
23- कुछ उलझनों की सुलझन, समय पर छोड़ दीजिये! समाधान देरी से मिलेंगे, परन्तु शानदार मिलेंगे|
24- आपका मन न होने पर भी, जब आप कार्य करना जारी रखते हैं तो, आपकी सफलता निश्चित है|
25- जब खुशी का एक द्वार बन्द हो जाता है, तो दूसरा द्वार खुल जाता है लेकिन हम अक्सर बन्द द्वार पर इतने लम्बे वक़्त तक देखते हैं कि, हमें वो द्वार नहीं दिखता ही नहीं, जो हमारे लिए अभी खोला गया है|
26- प्यार और सम्मान स्वयं से करना पहले सीखिए, बाद में आप इसकी उम्मीद दूसरों से करिए|
27- समय जब आपके साथ हो, तो कभी गुरुर नहीं करना, समय जब आपके खिलाफ हो, तो सब्र जरूर करना|
28- जिन्दगी तब खूबसूरत और आसान हो जाती है, जब हम दूसरे लोगों में अच्छाई देखने लगते हैं|
29- जब हकीकत, आपको अपने सपनों से बेहतर लगने लगे, समझ लेना आप कामयाब होने लगे हैं|
30- क्रोध शांति के पश्चात ही पता चलता कि नुकसान कितना हुआ|इसलिए सदैव बेहतर सोच, बेहतर विचार के साथ सकारात्मक रहें, प्रसन्न रहें और मुस्कुराते रहें|
31- आप केवल अच्छे कार्य करते रहिए, क्योंकि चाहे लोग प्रशंसा करें या ना करें, आधे से अधिक दुनिया सोती रहती है, तब भी सूर्य निकलता है|
32- अहंकार इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है, जो कि सोने के हार को भी, मिट्टी बना देता है|
33- लक्ष्य जितना महान होता है, उसकी राह उतनी ही लम्बी और बीहड़ होती है|
34- शारीरिक पीड़ा की अपेक्षा अधिक कष्टकारी मानसिक पीड़ा होती है|
35- धीरज एक कडुवा वृक्ष है, लेकिन इस पर फल मीठे लगते हैं|
36- कर्तव्य ही वो आदर्श है, जो कभी विश्वासघात नहीं करता है|
37- लगन, इंसान से वो करवा लेती है, जो वो नहीं कर सकता है| साहस, मनुष्य से वो कराती है, जो वो कर सकता है| किन्तु, अनुभव व्यक्ति से वही करवाता है, जो वास्तव में उसे करना चाहिये|
38- आप दूसरों के व्यवहार को नियन्त्रित नहीं कर सकते, लेकिन आप सदैव ये चयन करते हैं कि, आप इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं|
39- जीवन में समय और शिक्षक मे जरा सा फ़र्क होता है, शिक्षक सिखा कर इम्तिहान लेता है, और समय इम्तिहान लेकर के सिखाता है|
40- कुछ उलझनों की सुलझन, समय पर छोड़ दीजिए| समाधान देरी से मिलेंगे, लेकिन शानदार मिलेंगे|
41- सभी से दया भाव और विनम्रता से व्यवहार करें, इसलिए नहीं कि वे अच्छे हैं, अपितु इसलिए कि आप अच्छे हैं|
42- श्रेष्ठ होना कोई काम नही बल्कि ये हमारी एक आदत है, जिसे हम बारम्बार करते है|
43- जीतने वाले कहते हैं कि, मुझे कुछ करना चाहिए, जबकि हारने वाले कहते हैं कि, कुछ होना चाहिए|
44- हर मानव को अपना हर-पल आत्मचिंतन में लगाना चाहिये| क्योंकि हर पल, हम परमात्मा द्वारा दिया गया समय, गवां रहे हैं|
45- घाटे से निपटने में सबसे जरूरी चीज है, उससे मिलने वाले सबक से सीखना| यही हमको सही मायने में विजेता बनता है|
46- दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिये, फिर आपके पास सर्वश्रेष्ठ ही लौटकर आएगा|
47- जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, वो एक तरह से प्रभु की सहायता करते हैं|
48- गीत, मानव-मर्म का आह्वान करने में मददगार बनता है| गीत बगैर, मर्म को छूना कठिन है|
49- अहंकार आने पर इंसान के अन्दर वो अवस्था बन जाती है, जब वह अपने आत्मज्ञान और आत्मबल को खो देता है|
50- माफ कर पाना हर किसी के बस की बात नही, क्योंकि ये तो विवेकशील इंसानों का काम होता है|
51- आत्मा का स्वरूप एक है, परन्तु अस्तित्व उसके अनेक हैं|
52- मनुष्य के द्वारा किया गया गलत काम, उसके विवेक को भ्रमित करता है और उसे पतन की तरफ ले जाता है|
53- उपकार बुराई को समाप्त करता है| सदाचार की प्रथा शुरू करता है और लोक कल्याण एवं सभ्यता में योगदान करता है|
54- विद्या इंसान की अस्त्र है, धर्म उसका रथ, सारथी सत्य है और भक्ति, रथ के घोड़े होते हैं|
55- मनुष्य की जिन्दगी मे ‘तृष्णा’ और ‘लालच’, यह दोनों दुःख की जड़ हैं|

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *