Indian mountaineer Bachendri Pal ke anmol vichar
बछेंद्री पाल एक इंडियन महिला पर्वतारोही हैं, जो साल 1984 में माउन्ट-एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली भारत की पहली महिला बनीं थी। इन्हें साल 2019 में भारत की सरकार ने तीसरे सर्वोच्च नागरिक अवार्ड पद्म भूषण से नवाजा था
1- बहुत बार हम सोचते हैं और कहते भी हैं कि ये काम हम नहीं कर सकते बल्कि हमें ये समझना चाहिये कि ये सारा गेम दिमाग का है|
2- सभी को पर्वतारोहियों से सीख लेना चाहिये। सभी को स्वयं को एक सिपाही के तौर पर तैयार करना चाहिये जिससे की अपने राष्ट्र के लोगों की देखभाल कर सकें|
3- मैंने 12 वर्ष की आयु से ही, स्कूल पिकनिक के दौरान 13123 फीट ऊँची चोटी पर चढ़ाई कर लिया था| जिसके बाद तो मेरा हौंसला और बढ़ता गया|
4- ग्रामीण क्षेत्र के लिए शिक्षा सबसे बड़ा एम्पावरमेंट होगी|
5- मुझे पहाड़ की जीवन-शैली ने एक कुशल पर्वतारोही बनने में, और चुनौतियों का सामना करने के योग्य बना दिया| यही मुख्य कारण है कि मैं सफल हो पाई|
6- प्रकृति के ऊपर हम किस हद तक नियंत्रण कर सकते हैं? हमें उत्तराखण्ड तबाही से सीखना चाहिये और अपनी हद नहीं भूलना चाहिये|
7- मैंने अपने आपको समझाया कि मृत्यु से बुरा तो शायद ही कुछ हो, मैं भीतर से भयभीत थी पर इसे मैंने किसी के समक्ष जाहिर न होने दिया| मैं मानती हूँ कि, मिशन जारी रखने के मेरे उस निर्णय ने मेरा जीवन ही बदल डाला|
8- आपके जीवन में जो कुछ भी आता जाये, सीखते चलें उससे| इससे अच्छी पाठ शाला आपको, कहीं और नहीं हासिल होने वाली है|
9- पिताजी मेरे, मुझे स्कूल का शिक्षक बनाना चाहते थे|
10- हमें इस चीज को समझना होगा कि, हिमालय को हम अपने अनुसार नियंत्रित नहीं कर सकते|
11- मनुष्य यदि ठान ले कुछ भी असंभव नहीं है|
12- जीवन में हर एक दिन, अपने ज्ञान को इंप्लीमेंट करना बहुत आवश्यक है|
13- मेरा पहला उद्देश्य था, स्नातक की शिक्षा पूरी करना, उसके बाद अच्छी जॉब करते हुए खूब सारा पैसा कमाना जिससे मैं कार व दूसरी सुविधायें प्राप्त कर सकूँ|
1- मैं एक अच्छी खिलाड़ी हूँ|